चोरी किए गए वाहन क्लेम मामले में मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग का अहम फैसला, बीमा कंपनी को देनी पड़ेगी ब्याज सहित क्लेम राशि
वरिष्ठ अधिवक्ता ललित कुमार गुप्ता ने बताया कि बीमित वाहन के चोरी के प्रकरण में जिस कारण क्लेम निरस्त किया गया है एवं जिस कारण घटना घटित हुई है में परस्पर संबंध होना आवश्यक है। केवल तकनीकी कारण से क्लेम को निरस्त नहीं किया जा सकता।
भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी के खिलाफ वाहन मालिक के पक्ष में फैसला सुनाया है। दस साल की लंबी लड़ाई के बाद चोरी गए चार पहिया वाहन मालिक को ब्याज सहित क्लेम की पूरी राशि देने का उपभोक्ता आयोग ने आदेश दिया है। वाहन मालिक की तरफ से पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता ललित कुमार गुप्ता ने बताया कि फरियादी देवेंद्र सक्सेना ने एक बोलेरो जीप वर्ष 2009 में खरीदी थी। जिसका बीमा इफको टोक्यो कंपनी से कराया था। उपरोक्त वाहन 30-08-2010 की रात चोरी हो गया। जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज कराई गई और बीमा कंपनी से आवेदक द्वारा क्लेम की राशि की मांग की गई।
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लेकिन बीमा कंपनी द्वारा क्लेम इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि घटना के समय वाहन का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा था। आवेदक द्वारा बीमा कंपनी के खिलाफ प्रकरण जिला उपभोक्ता आयोग दतिया में प्रस्तुत किया गया। जिला आयोग दतिया द्वार आवेदक के परिवाद को स्वीकार कर क्लेम राशि का भुगतान किए जाने का आदेश किया था। जिसके विरुद्ध बीमा कंपनी द्वारा अपील राज्य आयोग भोपाल में की गई। राज्य आयोग भोपाल द्वारा अपने आदेश में यह व्यवस्था दी गई कि घटना एवं क्लेम निरस्तीकरण दोनों में परस्पर संबंध होना चाहिए। चोरी के प्रकरण में वाहन के व्यवसायिक उपयोग का आधार स्वीकार योग्य नहीं है।
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आयोग द्वारा बीमा कंपनी की अपील निरस्त कर जिला फोरम का आदेश यथावत रखा गया। वरिष्ठ अधिवक्ता ललित कुमार गुप्ता ने बताया कि बीमित वाहन के चोरी के प्रकरण में जिस कारण क्लेम निरस्त किया गया है एवं जिस कारण घटना घटित हुई है में परस्पर संबंध होना आवश्यक है। केवल तकनीकी कारण से क्लेम को निरस्त नहीं किया जा सकता।
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