पंज प्यारे शब्द का सिख समुदाय में क्या है महत्व, जानें यहां...

Importance of panj pyare in Sikh community know here

पार्टी की प्रदेश इकाई में जारी अनबन के बीच मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे रावत ने पंजाब कांग्रेस भवन में एक बैठक के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए' पंज प्यारे' शब्द का इस्तेमाल किया था।

पार्टी की प्रदेश इकाई में जारी अनबन के बीच मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे रावत ने पंजाब कांग्रेस भवन में एक बैठक के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए' पंज प्यारे' शब्द का इस्तेमाल किया था।

 

क्या है 'पंज प्यारे' शब्द?

सिख परंपरा में पंज प्यारे शब्द का प्रयोग गुरु के पांच प्रिय के रूप में किया जाता है। 1699 में दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने पांच लोगों को ( भाई साहिब सिंह, भाई धर्म सिंह, भाई हिम्मत सिंह, भाई मोहकम सिंह, भाई दया सिंह) को यह नाम दिया था।

पंज प्यारे को सिखों द्वारा दृढ़ता और भक्ति के प्रतीक के रूप में गहराई से सम्मानित किया जाता है। मूल "पंज प्यारे" ने सिख इतिहास को आकार देने और सिख धर्म को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इन आध्यात्मिक योद्धाओं ने न केवल युद्ध के मैदान में विरोधियों से लड़ने की कसम खाई ,बल्कि आंतरिक दुश्मन- अहंकार ,मानवता की सेवा, और जाति उन्मूलन के प्रयासों के माध्यम से विनम्रता के साथ मुकाबला करने की कसम खाई। सभी पंच प्यारे ने आनंद पुरीन की घेराबंदी में गुरु गोविंद सिंह और खालसा के साथ लड़ाई लड़ी और दिसंबर 1705 में चमकौर की लड़ाई से गुरु को भगाने में मदद की। बुधवार को अपने फेसबुक पेज पर रावत ने अपनी "पंज प्यारे "टिप्पणी के लिए अपनी गलती को स्वीकार किया।

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 उन्होंने कहा कभी-कभी सम्मान व्यक्त करके आप ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं, मैंने भी अपने माननीय अध्यक्ष और चार कार्य कारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल करने की गलती की है।उन्होंने कहा कि वह देश के इतिहास के छात्र हैं ,और वे जानते हैं कि पंज प्यारे की अग्रणी स्थिति की तुलना किसी और से नहीं की जा सकती। मुझसे गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगता हूं ।

रावत ने कहा कि वह अपने राज्य में एक गुरुद्वारे को प्रयश्चित के रूप में झाड़ू से साफ करेंगे। उन्होंने कहा कि सिख धर्म और और इसकी परंपराओं के प्रति मुझमें हमेशा समर्पण और भावना है।आपको बता दें कि शिरोमणि अकाली दल ने रावत की इस टिप्पणी की आलोचना की थी और मांग की थी कि राज्य सरकार को भावनाओं को आहत करने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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