राज्य में पेसा कानून लागू होने से बढ़ेगा ग्राम सभा का अधिकार: बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा ‘‘छत्तीसगढ़ में पेसा अधिनियम को लेकर नियम बन चुका है और इसके लिए आठ अगस्त को राजपत्र में प्रकाशन भी किया जा चुका है। इससे आदिवासी अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे।’’
रायपुर, 10 अगस्त। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है किराज्य में पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बघेल ने मंगलवार को रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित सर्व आदिवासी समाजके कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पेसा कानून पहले से अस्तित्व में था लेकिन इसके नियम नहीं बनने के कारण इसका लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा था।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ में पेसा अधिनियम को लेकर नियम बन चुका है और इसके लिए आठ अगस्त को राजपत्र में प्रकाशन भी किया जा चुका है। इससे आदिवासी अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे।’’ बघेल ने कहा, ‘‘आदिवासियों के हितों को संरक्षण देने के लिए राज्य में पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। नए नियम से ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय से होंगे। इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत महिला सदस्य होंगी।’’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई, आदिवासियों को वन अधिकार के पट्टे प्रदान किए गए जिसके तहत अब तक पांच लाख पट्टे वन अधिकार के तहत दिए जा चुके हैं। आदिवासियों के हितों का ध्यान रखने के लिए और योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन करने के लिए जन जागरण अभियान कैलेंडर का विमोचन किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रही है और इससे आदिवासियों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है, यही वजह है कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अपने गांवों के लिए बैंक खोलने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आदिम संस्कृति छत्तीसगढ़ की पहचान है और आदिवासियों का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है। हम आदिवासियों के सारे योगदान को सहेज कर रखना चाहते हैं और इसके लिए भाषा, संस्कृति सभी कुछ सहेजने का काम किया जा रहा है।’’ अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम में भूपेश मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक और बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।
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