बीजेपी ने मुर्मू के नाम की घोषणा से पहले सुझाव मांगा होता तो हम कर सकते थे विचार, ममता के बयान पर बीजेपी ने पूछा- यशवंत सिन्हा को छोड़ देंगी?
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर बीजेपी ने मुर्मू के नाम की घोषणा करने से पहले हमारा सुझाव मांगा होता, तो हम भी व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार कर सकते थे।
पश्चिम वंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति पद की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को चुनाव मैदान में उतारने से पहले विपक्ष के साथ चर्चा की होती तो विपक्षी दल उनका समर्थन करने पर विचार कर सकते थे। उन्होंने कहा कि मुर्मू के पास 18 जुलाई होने वाले राष्ट्रपति चुनाव जीतने की बेहतर संभावना है। क्योंकि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद एनडीए की स्थिति मजबूत हुई है। अगर बीजेपी ने मुर्मू के नाम की घोषणा करने से पहले हमारा सुझाव मांगा होता, तो हम भी व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार कर सकते थे। बता दें कि कांग्रेस और तृणमूल सहित गैर-बीजेपी दलों ने यशवंत सिन्हा को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किया है।
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ममता बनर्जी के बयान पर बीजेपी ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का नाम लेते हुए चुटकी ली है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा कि देउचा पचामी में आदिवासियों की भूमि पर कब्जा करने के अपने असफल प्रयासों के बाद ममता बनर्जी को पता चलता है कि उनकी छवि महिला और आदिवासी विरोधी बन रही है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या ममता राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को छोड़ देंगी?
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अकाली दल का मिला समर्थन
भाजपा के पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शुक्रवार को कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगा। शिअद ने कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया था, जिन्हें वापस लिया जा चुका है। शिअद अध्यक्ष ने यहां एक अतिथि गृह में पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों बलविंदर सिंह भुंडूर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा और चरणजीत सिंह अटवाल के साथ द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें शिअद के समर्थन की पेशकश की।
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