रोहिंग्याओं के अवैध प्रवेश में मदद करने वाले लोगों की पहचान की जाए: एन बीरेन सिंह
सिंह ने मंगलवार को ‘देशभक्ति दिवस’ पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा,‘‘यहसंकेत है कि उनमें से बहुत से लोग राज्य में पनाह ले रहे हैं और हमें उन लोगों की पहचान करनी होगी जो विभिन्न जगहों से रोहिंग्याओं के अवैध प्रवेश में मदद कर रहे हैं।’’मुख्यमंत्री ने लोगों से रोहिंग्याओं का पता लगाने और उन्हें मणिपुर लाने वाले एजेंटों की पहचान करने की अपील करते हुए कहा कि अगर उन्होंने पहल नहीं की तो पहले से ही कम मणिपुर की आबादी आने वाले समय में गायब हो जाएगी।
इम्फाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में रोहिंग्या समुदाय के लोगों की मौजूदगी पर चिंता जताते हुए कहा है कि ऐसे लोगों की पहचान की जानी चाहिए जो उन्हें राज्य में आने में मदद कर रहे हैं और उन्हें शरण दे रहे हैं। मुख्यमंत्री इम्फाल के तुलीहाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से शनिवार को रोहिंग्या समुदाय के छह लोगों की गिरफ्तारी की घटना की जिक्र कर रहे थे। यह लोग फर्जी दस्तावेजों के जरिए नयी दिल्ली से यहां पहुंचे थे।
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सिंह ने मंगलवार को ‘देशभक्ति दिवस’ पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा,‘‘यहसंकेत है कि उनमें से बहुत से लोग राज्य में पनाह ले रहे हैं और हमें उन लोगों की पहचान करनी होगी जो विभिन्न जगहों से रोहिंग्याओं के अवैध प्रवेश में मदद कर रहे हैं।’’मुख्यमंत्री ने लोगों से रोहिंग्याओं का पता लगाने और उन्हें मणिपुर लाने वाले एजेंटों की पहचान करने की अपील करते हुए कहा कि अगर उन्होंने पहल नहीं की तो पहले से ही कम मणिपुर की आबादी आने वाले समय में गायब हो जाएगी।
गौरतलब है कि डीआईजी टी नगासंगवा ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था कि पुलिस जांच से पता चला है कि छह रोहिंग्याओं को दिल्ली में एक मदरसे में प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें दिल्ली तथा मणिपुर के कुछ एजेंटों की मदद से यहां लाया गया था। उन्होंने बताया कि रोहिंग्याओं ने स्वीकार किया कि वे म्यामां के यांगून और मंडालय के रहने वाले हैं।
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