Prabhasakshi Newsroom। राहुल ने की मोदी सरकार की विदेश नीतियों की आलोचना, अमेरिका ने दिया यह जवाब
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने साफ शब्दों में इस तरह के बयान का समर्थन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं इसे पाकिस्तान और चीन पर छोड़ देता हूं कि वे अपने रिश्ते के बारे में बात करें। मैं निश्चित तौर पर इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करूंगा।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार की नीति के कारण ही आज चीन और पाकिस्तान एक साथ आए हैं। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में दो हिंदुस्तान बन गए हैं जिनमें से एक अमीरों और दूसरा गरीबों के लिए है। इस पर अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है।
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अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने साफ शब्दों में इस तरह के बयान का समर्थन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं इसे पाकिस्तान और चीन पर छोड़ देता हूं कि वे अपने रिश्ते के बारे में बात करें। मैं निश्चित तौर पर इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करूंगा।
To a question on Congress leader Rahul Gandhi 'suggesting that China & Pakistan are closer than ever due to PM Modi's ineffective policies', US Dept of State Spox Ned Price: I'll leave it to Pakistanis & PRC to speak to their relationship. I certainly won't endorse those remarks. pic.twitter.com/ooSmjJhIPU
— ANI (@ANI) February 3, 2022
क्या बोले राहुल गांधी ?
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हो रही चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया कि केंद्र सरकार की नीति के कारण ही आज चीन एवं पाकिस्तान एक साथ आ गए हैं। उन्होंने कहा कि देश के सामने खड़ी प्रमुख चुनौतियों का अभिभाषण में उल्लेख नहीं किया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस देश के दो नजरिये हैं। एक नजरिया यह है कि देश राज्यों का संघ है जिसका मतलब है कि संवाद होगा...आप भारत में शासन करने वाले किसी साम्राज्य को देख लीजिए। आप अशोक महान को देख लें, मौर्य वंश को देख लें, आप यह पाएंगे कि आपसी संवाद के जरिये शासन किया गया। जबकि दूसरा नजरिया देश को शहंशाह की तरह चलाने का है।
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उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार विभिन्न राज्यों की आवाज दबा रही है, लेकिन उसे इसका आभास नहीं है कि देश के संस्थागत ढांचे पर हमले की प्रतिक्रिया हो सकती है। मेरे परनाना (जवाहरलाल नेहरू) इस राष्ट्र को बनाने के लिए ही 15 साल तक जेल में रहे, मेरी दादी (इंदिरा गांधी) को 32 गोलियां मारी गईं और मेरे पिता (राजीव गांधी) को विस्फोट से उड़ा दिया गया। इन्होंने इस राष्ट्र को बनाने के लिए अपनी कुर्बानी दी। इसलिए मैं थोड़ा बहुत जानता हूं कि राष्ट्र क्या है।
कांग्रेस नेता ने सीमा पर चीन की आक्रामकता और पाकिस्तान की सीमा से जुड़ी चुनौती का उल्लेख करते हुए कहा कि आप खतरे को हल्के में मत लीजिए। आप चीन और पाकिस्तान को साथ ला चुके हैं, यह भारत के लोगों के साथ सबसे बड़ा अपराध है। मुझे कोई संदेह नहीं है कि चीन के पास स्पष्ट योजना है। इसकी बुनियाद डोकलाम और लद्दाख में रख दी गई है। यह देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है। आपने जम्मू-कश्मीर और विदेश नीति में बहुत बड़ी रणनीतिक गलतियां की हैं...आपने दो मोर्चों को एक मोर्चे में बदल दिया है।
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राहुल को मांगनी चाहिए माफी
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेता हूं। लेकिन वह राजनीतिक दल के नेता हैं तो उनके द्वारा सदन के पटल पर कहे गए शब्दों पर ध्यान देना होगा। उन्हें सदन के सामने आना होगा और उन्हें सभी अदालतों और चुनाव आयोग से बिना शर्त माफी मांगनी होगी। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो गांधी परिवार के हैं इसलिए उन्हें बोलने का मौका मिल रहा है लेकिन मोदी जी लोगों का दिल जीतकर लोकतांत्रिक तरीके से देश के प्रधानमंत्री बने हैं और राहुल गांधी सोचते हैं कि मोदी जी जहां बैठे हुए हैं वो मेरा स्थान है। इसीलिए उनके भीतर भयंकर अहंकार है।
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