'अपनी जरूरत-अपना गांव' की परिकल्पना को साकार करे आईकेन टीम: विनय सहस्त्रबुद्धे
कोरोना वायरस के चलते कई मजदूर शहरों से गांवों में पलायन कर गए हैं। कई मध्यमवर्गीय परिवारों ने भी शहरों से गांव में जाना बेहतर समझा है, लेकिन ऐसे लोग हमेशा गांव में रहेंगे यह कहना अभी संभव नहीं है, इनमें से जो अब शहरों में नहीं जाना चाहते हैं, उनको गांवों में ही रोजगार उपलब्ध कराना जरूरी है।
भोपाल। देश के अन्य राज्यों के साथ ही मध्य प्रदेश भी इस समय संकटकाल में है। अक्सर त्रासदी या संकट हल्का हो जाता है, तो काम करने का संकल्प भी कमजोर पड़ जाता है, लेकिन इस संकल्प को कमजोर नहीं पड़ने देना है औैर लगातार इस पर काम करना है। आज देश में 'अपनी जरूरत-अपना गांव' की परिकल्पना साकार हो सकती है। इसके लिए आईकेन टीम संकल्प लेकर इसको साकार करे। ये बातें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने आईकेन को-विन एक्शन नेटवर्क टीम के पदाधिकारियों से ऑनलाइन चर्चा के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने टीम के सभी सदस्यों की हौसला अफजाई करते हुए सभी के कार्यों की सराहना की।
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विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते कई मजदूर शहरों से गांवों में पलायन कर गए हैं। कई मध्यमवर्गीय परिवारों ने भी शहरों से गांव में जाना बेहतर समझा है, लेकिन ऐसे लोग हमेशा गांव में रहेंगे यह कहना अभी संभव नहीं है, इनमें से जो अब शहरों में नहीं जाना चाहते हैं, उनको गांवों में ही रोजगार उपलब्ध कराना जरूरी है। इसके लिए 'अपनी जरूरत-अपना गांव' की परिकल्पना पर काम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए आईकेन टीम काम करे। गांवों में समूह बनाएं औैर इनके जरिए कार्यों कोे अंजाम तक पहुंचाएं। आई केन टीम के सदस्य ग्रामीणों के वकील बनकर उनकी मदद करे। बैंकों के साथ समन्वय बनाकर उन्हें ऋण दिलवाएं।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम-
विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि देश अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, इसलिए आत्मनिर्भर चौपाल लगाकर लोगों को इसके लिए जागरूक करे। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदीजी का पूरा ध्यान इस तरफ है। वित्तमंत्री ने भी कई आर्थिक पैकेज देकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की है। आई केन के केंद्रीय स्ट्रेटेजी प्रमुख अमित टुटेजा ने इस अवसर पर आत्मनिर्भर चौपाल का कांसेप्ट सबके समक्ष रखा। इस चौपाल का मुख्य उद्देश्य स्वयंसेवी समूह, एमएसएमई उद्योग व कृषि क्षेत्रो में सामंजस्य बिठाकर आत्मनिर्भर भारत के संकल्प हेतु कार्य करना हैं।
यूनिट बनाकर करें कार्य-
प्रदेश समन्वयक जयवर्धन जोशी ने बताया कि चर्चा के दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे जी ने मार्गदर्शन करते हुए कहा कि एक-एक गांव कोे एक-एक यूनिट बनाकर इन पर कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले मजदूरों, महिलाओं, बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी कार्य किया जाना चाहिए। चर्चा के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति पर चर्चा हुई। गांवों में आज भी ढेर सारी संभावनाएं हैं। युवाओं, महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। कृषि क्षेत्र में कार्य करने की कई प्रबल संभावनाएं भी मौजूद हैं, जिनके लिए कार्य करने की आवश्यकता हैं। चर्चा में मध्यप्रदेश कोर टीम से रवी सोनी, अनुराग माधव, कुलभूषण यादव, सुमित शर्मा, अनुज शर्मा, रोहित सिंह चौहान, विवेक पाटिल, धनंजय नागेश, मिलिंद शर्मा उपस्थित रहे।
इन्होंने भी रखी अपनी बात-
चर्चा के दौरान मध्यप्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, कर्नाटक सहित कुल 12 राज्यों के राज्य के समन्वयकों ने भी अपनी-अपनी बात रखी। केंद्रीय टीम के सदस्य भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। संचालन रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी के एक्जीक्यूटिव हेड रवी पोखरना ने किया।
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