कोरोना के बीच दक्षिण भारत में भयानक चक्रवाती तूफान की चेतावनी, 16 मई को अलर्ट
पूर्व-मध्य अरब सागर में आने वाले दिनों में एक चक्रवाती तूफान के आने की संभावना है। यदि इस तरह का चक्रवाती तूफान वास्तव में आकार लेता है, तो यह 2021 का पहला चक्रवाती तूफान होगा और इसका नाम म्यांमार द्वारा टुकटै दिया जाएगा।
पूर्व-मध्य अरब सागर में आने वाले दिनों में एक चक्रवाती तूफान के आने की संभावना है। यदि इस तरह का चक्रवाती तूफान वास्तव में आकार लेता है, तो यह 2021 का पहला चक्रवाती तूफान होगा और इसका नाम म्यांमार द्वारा टुकटै दिया जाएगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि भारत के पश्चिमी तट पर 16 मई तक चक्रवाती तूफान आने की संभावना है। वास्तव में लक्षद्वीप के निचले इलाकों में 15-16 मई तक बाढ़ आ सकती है।
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आईएमडी के अनुसार, 14 मई के आसपास दक्षिण-पूर्व अरब सागर में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। 14 मई तक लक्षद्वीप क्षेत्र से सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर में उत्तर और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है साथ ही यह और तेज होने की संभावना है। 16 मई के आसपास पूर्वी-मध्य अरब सागर में एक चक्रवाती तूफान में टकरा सकता है। यह तूफान उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ने बढ़ रहा है। इस तुफान से लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के तट प्रभावित होने की संभावना है।
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रिपोर्ट्स की मानें तो तूफान के कच्छ और दक्षिण पाकिस्तान की ओर बढ़ने की संभावना है। अगर ऐसा होता है, तो तटीय गुजरात 17 या 18 मई को चक्रवात की चपेट में आ जाएगा। आईएमडी ने कहा है कि पूरे पाठ्यक्रम और संभावित गठन पर एक या दो दिन में इसकी बेहतर तस्वीर सामने होगी।
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