हिंदुओं का दावा गुबंद के नीचे रामजी का जन्म हुआ, आप कैसे कह सकते हैं कि राम वहीं पैदा हुए: धवन
धवन ने कहा कि यदि अदालत देवता के स्वायंभु स्वरूप पर उनके तर्क को स्वीकार करती है, तो पूरी संपत्ति उनके पास जानी चाहिए। मुस्लिमों को कुछ नहीं मिलेगा। लेकिन वे इसपर अपना अधिकारी जता रहे हैं। राजीव धवन ने कहा कि स्तंभों की उपस्थिति दर्शाई गई है, लेकिन स्तंभ किसी विशेष धर्म का संकेत नहीं देते हैं।
नई दिल्ली। अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में 6 अगस्त से शुरू हुई रोजाना सुनवाई का आज 18वां दिन है। सुनवाई के दौरान वकील अपनी-अपनी दलीलें जजों की बेंच के सामने रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। आज मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील दे रहे हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा कि सिविल सूट में तथ्यों और साक्ष्यों पर स्वामित्व और अधिकार को साबित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विवादित संपत्ति पर हिंदुओं का विशेष स्वामित्व दिखाने के लिए एक भी सबूत नहीं है। इसपर जस्टिस बोबडे ने पूछा कि आप किसकी पात्रता के बारे में बात कर रहे हैं। इसपर राजीव धवन ने कहा कि जमीन के हिस्से की पात्रता की बात कर रहे हैं।
Supreme Court's five-judge Constitution bench, headed by Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi, has started hearing the Ayodhya Ram Temple and Babri Masjid land (Title) dispute case. Today is the 18th day of hearing in the case. pic.twitter.com/fiPZJShnam
— ANI (@ANI) September 3, 2019
धवन ने कहा कि यदि अदालत देवता के स्वायंभु स्वरूप पर उनके तर्क को स्वीकार करती है, तो पूरी संपत्ति उनके पास जानी चाहिए। मुस्लिमों को कुछ नहीं मिलेगा। लेकिन वे इसपर अपना अधिकारी जता रहे हैं। राजीव धवन ने कहा कि स्तंभों की उपस्थिति दर्शाई गई है, लेकिन स्तंभ किसी विशेष धर्म का संकेत नहीं देते हैं। राजीव धवन ने कहा कि हिंदुओ का दावा है कि बीच वाले गुम्बद के नीचे ही रामजी का जन्म हुआ था। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि आप कैसे कह सकते हैं कि राम वहीं पैदा हुए थे। इतना बड़ा स्ट्रक्चर है आप का दावा ठोस तथ्यों पर आधारित नहीं है। अगर थोड़ी देर को मान भी लें कि जन्म वहां हुआ तो परिक्रमा के दावे करने का क्या मतलब है?
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