सरकार में संवादहीनता, दिल रोता है: राजीव प्रताप रूडी
रूडी ने कहा कि वह ये सब इसलिए कह रहे हैं कि शायद कोई सुने। संवाद नहीं है। इससे पूर्व उन्होंने पटना हवाई अड्डे के संबंध में कहा कि वहां ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की जरूरत थी और वह एक बड़ा विमानन हब बन सकता था लेकिन वहां 4700 करोड़ रूपये खर्च किया जा रहा है जिससे एक फीसदी संचालन लाभ मिलेगा जो कि धन की बर्बादी है।
नयी दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने मंगलवार को लोकसभा में अपनी ही सरकार के भीतर संवादहीनता की स्थिति होने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसी स्थिति को देखकर उनका दिल रोता है। सदन में वायुयान संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए रूडी ने कहा कि पायलटों को विदेशों में प्रशिक्षण देने के लिए 50 करोड़ डॉलर धनराशि सालाना खर्च की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में केवल 250 पायलटों के प्रशिक्षण की व्यवस्था है जबकि देश को सालाना एक हजार पायलटों की जरूरत है।
उन्होंने कहा, दिक्कत यह है कि विमानन सेक्टर की दिक्कतों को कहीं भी कोई जानना नहीं चाहता ..... कोई जानना तो चाहे, बात तो करे ....दिल रोता है। प्रधानमंत्री जिस लगन के साथ अपने आप को देश के लिए खपाना चाहते हैं, हम भी वैसे ही खुद को देश के लिए खपाने को तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘ हमें संसद का 30 साल का अनुभव है ...अब तो रिटायर होने का वक्त है। राजनीतिक कैरियर के अपने अंतिम पांच साल में हम हैं। 30 साल बहुत होते हें।’’लोकसभा में कल हुई चर्चा का पर्यटन मंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाया।
— Rajiv Pratap Rudy (@RajivPratapRudy) March 17, 2020
प्रसिद्ध सोनपुर मेला समेत पूरे सारण क्षेत्र में पर्यटन सुविधा के विकास के लिए मा० मंत्री श्री @prahladspatel जी ने व्यक्तिगत तौर पर कहा 50 करोड़ योजना की पहल की जायेगी@tourismgoi @BJP4India @BJP4Bihar @BJP4Chapra pic.twitter.com/wRKcPCL5zI
रूडी ने कहा कि वह ये सब इसलिए कह रहे हैं कि शायद कोई सुने। संवाद नहीं है। इससे पूर्व उन्होंने पटना हवाई अड्डे के संबंध में कहा कि वहां ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की जरूरत थी और वह एक बड़ा विमानन हब बन सकता था लेकिन वहां 4700 करोड़ रूपये खर्च किया जा रहा है जिससे एक फीसदी संचालन लाभ मिलेगा जो कि धन की बर्बादी है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में सरकार से पिछले छह महीने से बात करना चाह रहे हैं । सरकार में विमर्श का अभाव है, अनुभवी लोगों की अनदेखी की जा रही है।
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