Breaking: SC में बागियों की अर्जी पर सुनवाई, कोर्ट ने पूछा- HC क्यों नहीं गए, शिंदे के वकील बोले- MLA को जान से मारने की दी जा रही धमकी

 uddhav vs eknath shinde
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अभिनय आकाश । Jun 27 2022 2:02PM

शिंदे के वकील ने कहा कि डिप्टी स्पीकर का नोटिस दिया जाना असंवैधानिक था। डिप्टी स्पीकर की तरफ से दो दिन का समय दिया गया। जबकि नियम के अनुसार 14 दिन का समय होता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। जिस पर शिंदे के वकील ने कहा कि मामला गंभीर है इसलिए सुप्रीम कोर्ट आए हैं।

बागियों के लिए पहले उद्धव ठाकरे की नरमी मनाने के लिए मनोहार का दौर चला। उद्धव ने खुद इस्तीफे  की पेशकश भी की। लेकिन जब बात नहीं बनी तो उद्धव ठाकरे से लेकर उनके बेटे आदित्य ठाकरे तक चुनचुनकर बागियों पर हमले बोल रहे हैं। इसके साथ ही बागियों पर कार्रवाई के लिए भी डिप्टी स्पीकर की तरफ से नोटिस जारी किया गया है। जिसे अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में बागी गुट की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई है। एक याचिका एकनाथ शिंदे की ओर से जारी की गई है, जबकि दूसरी याचिका बागी विधायक भरत गोगावले की ओर से दायर की गई है। दोनों ही याचिकाओं में डिप्टी स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई है। 

 

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शिंदे के वकील ने कहा कि डिप्टी स्पीकर का नोटिस दिया जाना असंवैधानिक था। डिप्टी स्पीकर की तरफ से दो दिन का समय दिया गया। जबकि नियम के अनुसार 14 दिन का समय होता है।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। जिस पर शिंदे के वकील ने कहा कि मामला गंभीर है इसलिए सुप्रीम कोर्ट आए हैं। कोर्ट चाहे तो फ्लोर टेस्ट करा सकती है। शिंदे के वकील ने कहा कि विधायकों को धमकियां मिल रही है। विधायकों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। 

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शिंदे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने कहा कि विधायकों को धमकियां दी जा रही है कि  40 शव आएंगे और बैलों की तरह मारे जाएंगे। और माहौल ऐसा है कि वे बॉम्बे में अपने कानूनी अधिकारों का प्रयोग नहीं कर सकते। जज ने कहा कि आप कह रहे हैं कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ 21 को प्रस्ताव दिया। ऐसे में उन्हें सुनवाई नहीं करनी चाहिए। आप यही बात डिप्टी स्पीकर को क्यों नहीं कहते हैं। इस पर वकील कौल ने कहा कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का भी पुराना फैसला है। यह बात उन्हें बताई भी गई है। फिर भी उन्होंने कार्रवाई जारी रखी है। 

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