शिवकुमार की अपने बयानों की प्रति मांगने संबंधी याचिका पर HC 26 सितंबर को करेगा सुनवाई
शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था। उनके बयान प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत दर्ज करवाए थे। शिवकुमार ने इसकी लिखित प्रति मांगी है।उन्होंने अदालत से यह भी कहा है कि जांच एजेंसी को उनके खिलाफ पीएमएलए के प्रावधान लागू करने का कोई अधिकार नहीं है।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की अपने बयानों की प्रति मांगने संबंधी याचिका पर वह 26 सितंबर को सुनवाई करेगा। धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शिवकुमार के जो बयान दर्ज किए हैं, वह उन्हीं की प्रति की मांग कर रहे हैं। शिवकुमार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जिन वरिष्ठ अधिवक्ता को मामले पर दलीलें देनी थी वह नहीं आ पाए हैं। इसके बाद न्यायमूर्ति ब्रजेश सेठी ने मामले की अगली तारीख दे दी।
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शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था। उनके बयान प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत दर्ज करवाए थे। शिवकुमार ने इसकी लिखित प्रति मांगी है।उन्होंने अदालत से यह भी कहा है कि जांच एजेंसी को उनके खिलाफ पीएमएलए के प्रावधान लागू करने का कोई अधिकार नहीं है। कनकपुर से विधायक शिवकुमार एक अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं और उनकी जमानत याचिका एक निचली अदालत में लंबित है। उच्च अदालत में पेश याचिका में उन्होंने दावा किया है कि पीएमएलए की धारा 50 के तहत ईडी के निदेशक ही बयान दर्ज करवा सकते हैं जबकि शिवकुमार के मामले में बयान किसी अन्य अधिकारी ने दर्ज करवाए हैं इसलिए इन्हें रिकॉर्ड से हटाया जाना चाहिए।
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