Haryana Profile: दलबदल राजनीति के लिए जाना जाता है हरियाणा, पंजाब से अलग होकर अस्तित्व में आया

Haryana State Profile
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बता दें कि 23 अप्रैल 1966 को पंजाब राज्य को विभाजिक करने और हरियाणा राज्य की सीमाओं को निर्धारित करने के लिए भारत सरकार ने जे.सी. शाह की अध्यक्षता में शाह कमीशन की स्थापना की। फिर 31 मई 1966 को कमीशन ने अपनी रिपोर्ट जारी की।

पंजाब से अलग होने के बाद हरियाणा अस्तित्व में तो आया। लेकिन इस राज्य की पहचान सिर्फ रेतीले और कीकर के जंगलों के प्रदेश के तौर पर थी। जहां पर बुनियादी सुविधाओं की खासी कमी थी। लेकिन वर्तमान समय में हरियाणा आधारभूत ढांचे से लेकर खेल, शिक्षा, संस्कृति सहित विकासात्मक गतिविधियों में दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन रहा है। हालांकि प्रदेश ने अपने इस लंबे सफर में अनेकों उतार-चढ़ाव देखें। लेकिन कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। विकसित राज्यों में आज हरियाणा पहले पायदान पर है।

प्रदेश का इतिहास

बता दें कि 23 अप्रैल 1966 को पंजाब राज्य को विभाजिक करने और हरियाणा राज्य की सीमाओं को निर्धारित करने के लिए भारत सरकार ने जे.सी. शाह की अध्यक्षता में शाह कमीशन की स्थापना की। फिर 31 मई 1966 को कमीशन ने अपनी रिपोर्ट जारी की। फिर गुडगांव, रोहतक, करनाल, महेंद्रगढ़ और हिसार जिलों को नये राज्य हरियाणा का भाग बनाया गया। इसमें अम्बाला और जगाधरी, संगरूर जिले की जींद और नरवाना तहसील और नारैनगढ़ तहसील को शामिल किया गया।

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हरियाणा 01 नवंबर 1966 को अस्तित्व में आया था। तब राज्य के पहले सीएम कांग्रेस के भगवत दयाल शर्मा बने थे। यह वह दौर था, जब हरियाणा के पास विरासत के तौर पर सिर्फ कीकर, रेतीले और बंजर सरीखे इलाके थे। यहां पर बुनियादी सुविधाएं सिर्फ न के बराबर थीं। हरियाणा विकास की बुनियाद की तरफ बढ़ा और यहां पर सियासी करवटें भी इसी हिसाब से बनती-बदलती रहीं। वहीं यह सूबा अपने राजनीतिक घटनाक्रमों की वजह से भी सुर्खियों में रहा है।

दलबदल की राजनीति

दलबदल की राजनीति के लिए हरियाणा पूरे प्रदेश में जाना जाता है। मिसाल के तौर पर यहां की राजनीति आया-राम, गया-राम के रूप में दलबदल वाली है। इसके जनक पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल को माना जाता है। इसके अलावा सख्त प्रशासन के लिए स्व. बंसीलाल और चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के नाम भी प्रमुखता के साथ लिए जाते हैं।

ठीक इसी तरह से स्वर्गीय देवीलाल पहले किसानों और गरीबों के बीच लोकप्रिय रहे। फिर पूरे देश की नजर स्वर्गीय देवीलाल की राजनीति पर रही। कुल मिलाकर कहा जाए, तो राज्य में लंबे समय तक 'लालों' की राजनीति का खासा असर रहा। फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के 10 साल से राज्य में 'लाला' युग की राजनीति का अंत हुआ। वहीं मनोहर लाल खट्टर ने भाजपा की कमान संभालकर एक बार फिर लाल युग की वापसी की।

खेलों में बनाई अलग पहचान

बता दें कि 22 जिलों वाले हरियाणा राज्य ने खेलों में अपनी अलग पहचान बनाई है। मुक्केबाजी, हॉकी, कुश्ती और निशानेबाजी जैसे खेलों में यहां के खिलाड़ियों का कब्जा है। हरियाणा के दिग्गज खिलाड़ियों ने सुशील कुमार, संदीप सिंह, योगेश्वर दत्त और बबीता फोगाट आदि ने इंटरनैशनल अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं। वहीं हरियाणा की धरती पर ही भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला ने जन्म लिया था।

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