सुनील जाखड़ के आरोपों पर हरीश रावत बोले- कांग्रेस ने उन्हें कभी नहीं किया नजरअंदाज
कांग्रेस से तीन पीढ़ियों और करीब 50 साल पुराने रिश्ते को तोड़ने की घोषणा जाखड़ ने फेसबुक के जरिए संबोधन में की तथा देश की सबसे पुरानी पार्टी को ‘‘गुड लक और गुडबाय कांग्रेस’’ कहते हुए अपनी शुभकामनाएं भी दीं।
एक ओर जहां कांग्रेस से उदयपुर में चिंतन शिविर कर रही है तो वहीं उसके लिए चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही है। आज ही पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही पार्टी पर कई बड़े आरोपी लगा दी है। सुनील जाखड़ ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत पर भी कई बड़े आरोप लगाए थे। इसी को लेकर अब हरीश रावत का भी बयान सामने आ गया है। हरीश रावत ने कहा कि थैंक्यू सुनील, आपने जो कुछ कहा उस पर मैं इतना ही कहूंगा कि कांग्रेस का साधारण कार्यकर्ता भी पार्टी छोड़कर जाता है तो तकलीफ होती है। कांग्रेस से तीन पीढ़ियों और करीब 50 साल पुराने रिश्ते को तोड़ने की घोषणा जाखड़ ने फेसबुक के जरिए संबोधन में की तथा देश की सबसे पुरानी पार्टी को ‘‘गुड लक और गुडबाय कांग्रेस’’ कहते हुए अपनी शुभकामनाएं भी दीं।
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दरअसल, सुनील जाखड़ ने उत्तराखंड में कांग्रेस नेता हरीश रावत की हार को ‘‘भगवान का न्याय’’ बताया और पंजाब में कांग्रेस की स्थिति के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘रावत को अमरिंदर सिंह को अस्थिर करने के लिए भेजा गया था।’’ इसी के जवाब में हरीश रावत ने कहा कि सुनील जाखड़ को कभी भी पार्टी ने नज़रअंदाज़ नहीं किया और उन्हें पार्टी कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करेगी। फैसला उनके हाथ में है कि वह पार्टी में रहना चाहते हैं या नहीं। इसके साथ ही हरीश रावत ने यह भी कहा कि पार्टी ने सुनील जाखड़ को सीएलपी लीडर बनाया, अन्य बड़ी जिम्मेदारी दी और अब जब परीक्षा की घड़ी आ गई है तो वह छोड़कर जा रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान के पास उनकी सारी जानकारी है।
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आपको बता दें कि कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख जाखड़ 11 अप्रैल को मिले ‘कारण बताओ’ नोटिस को लेकर पार्टी से नाराज थे। उन्होंने कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति को नोटिस का जवाब नहीं दिया था। उल्लेखनीय है कि जाखड़ से पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार और आर पी एन सिंह ने हाल के दिनों में कांग्रेस का दामन छोड़ा है। जाखड़ ने अपने फेसबुक पेज पर ‘‘दिल की बात’’ में कहा कि उदयपुर में हो रहा पार्टी का ‘चिंतन शिविर’ महज औपचारिकता है। उनके मुताबिक, इसका नाम ‘‘चिंता शिविर’’ होना चाहिए था, न कि ‘‘चिंतन शिविर’’ क्योंकि पार्टी को इस बैठक में अपने भविष्य की चिंता करनी थी।
Rajasthan | Sunil Jakhar was never ignored by the party and he will never be ignored by the party. The decision is in his hands, whether he wants to stay in the party or not: Congress leader Harish Rawat on Punjab Congress chief Sunil Jakhar quitting the party pic.twitter.com/9BGPuYclxz
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 14, 2022
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