Gujarat Floods | भीषण बारिश के कारण गुजरात में आयी बाढ़, वडोदरा और सौराष्ट्र क्षेत्र हालात बेहद खराब, मरने वालों की संख्या 26 हुई
वडोदरा में बारिश थमने के बावजूद, शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी के अपने किनारों को तोड़कर आवासीय इलाकों में घुसने और इमारतों, सड़कों और वाहनों के जलमग्न होने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ आ गई।
गुजरात में गुरुवार को भी बारिश का कहर जारी रहा। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 19 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिससे चार दिनों में मरने वालों की संख्या 26 हो गई। लगातार चौथे दिन राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ प्रभावित इलाकों से करीब 17,800 लोगों को निकाला गया।
इसे भी पढ़ें: सलमान खान ने पर्यावरण अनुकूल गणेश चतुर्थी मनाने की वकालत की
ट्रैक्टर ट्रॉली बह जाने से सात लोगों की मौत
मोरबी जिले के हलवद तालुका के अंतर्गत धवना गांव के पास रविवार को एक ओवरफ्लो कॉजवे को पार करते समय जिस ट्रैक्टर ट्रॉली में वे यात्रा कर रहे थे, उसके बह जाने के बाद लापता हुए सात लोगों के शव बरामद किए गए।
वडोदरा में बाढ़
वडोदरा में बारिश थमने के बावजूद, शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी के अपने किनारों को तोड़कर आवासीय इलाकों में घुसने और इमारतों, सड़कों और वाहनों के जलमग्न होने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ आ गई।
इसे भी पढ़ें: Delhi Rain| दिल्ली में भारी बारिश के बाद ट्रैफिक जाम, शहर भर में जलभराव, IMD ने दी बारिश की चेतावनी
सौराष्ट्र क्षेत्र में भारी बारिश
बुधवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट और पोरबंदर जैसे जिलों में शाम 6 बजे तक 12 घंटे की अवधि में 50 मिमी से 200 मिमी बारिश हुई। इस अवधि के दौरान देवभूमि द्वारका जिले के भानवद तालुका में 185 मिमी बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है।
सौराष्ट्र क्षेत्र में आज अत्यधिक भारी बारिश की संभावना: आईएमडी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को सौराष्ट्र के जिलों के अलग-अलग हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान लगाया है।
अधिकारियों ने बताया कि वडोदरा शहर में अपने घरों और छतों में फंसे लोगों को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), उसके राज्य समकक्ष एसडीआरएफ और इस उद्देश्य के लिए तैनात सेना की तीन टुकड़ियों की टीमों द्वारा बचाया गया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम पटेल से बात की
गुजरात के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को फोन कर स्थिति का जायजा लिया और प्राकृतिक आपदा से निपटने में राज्य को केंद्र की ओर से सहयोग का आश्वासन दिया।
एक्स पर एक पोस्ट में सीएम पटेल ने कहा, "माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने गुजरात में भारी बारिश की स्थिति के बारे में मुझसे फोन पर बात की और राहत एवं बचाव कार्यों का ब्योरा लिया।" उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जान-माल की सुरक्षा के बारे में दिशा-निर्देश दिए और केंद्र सरकार की ओर से सभी आवश्यक सहयोग और सहायता का आश्वासन दिया।
सीएम ने कहा, "माननीय प्रधानमंत्री गुजरात के बारे में चिंता जताते हुए लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। गुजरात के लोगों के प्रति उनका गहरा लगाव है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान और जब भी जरूरत होती है, वे हमेशा गुजरात और राज्य के लोगों के साथ खड़े रहते हैं।"
मंत्री रुशिकेश पटेल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वडोदरा में अब तक 5,000 से अधिक लोगों को निकाला गया और 1,200 अन्य लोगों को बचाया गया। बुधवार को शहर में सेना की तीन अतिरिक्त टुकड़ियां तथा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टुकड़ियां तैनात की गईं।
मुख्यमंत्री पटेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ का पानी कम होते ही वडोदरा शहर में सफाई उपकरण तैनात किए जाएं तथा कीटाणुनाशक का छिड़काव किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि इस उद्देश्य के लिए अहमदाबाद और सूरत नगर निगमों तथा भरूच और आणंद नगर पालिकाओं की टीमों को वडोदरा में तैनात किया जाए।
मुख्यमंत्री ने वडोदरा में बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता के लिए एनडीआरएफ की पांच अतिरिक्त टीमें तथा सेना की चार टुकड़ियां तैनात करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद और सूरत से बाढ़ प्रभावित शहर में अतिरिक्त बचाव नौकाएं भी भेजी जानी चाहिए।
अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बल भी बारिश से तबाह हुए इलाकों में बचाव और राहत अभियान चला रहे हैं। अब तक करीब 17,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है तथा 2,000 लोगों को बचाया गया है।
पिछले तीन दिनों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 26 लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें राजकोट, आणंद, महिसागर, खेड़ा, अहमदाबाद, मोरबी, जूनागढ़ और भरूच जिलों से हुई हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंगलवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में दीवार गिरने और डूबने जैसी बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई।
सोमवार को राज्य में इसी तरह की घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि बुधवार को राजकोट में बाढ़ के पानी में कार के बह जाने से एक परिवार के तीन सदस्य डूब गए।
एसपी राहुल त्रिपाठी ने कहा कि बचाव दल को सात लोगों के शव मिले हैं जो रविवार को मोरबी जिले के धवना गांव के पास एक ओवरफ्लो हो रहे पुल को पार करते समय ट्रैक्टर ट्रॉली के बह जाने के बाद लापता हो गए थे।
मोरबी के अग्निशमन अधिकारी देवेंद्रसिंह जडेजा ने कहा कि इनमें से तीन शव मंगलवार को और चार बुधवार को मिले, उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति अभी भी लापता है।
एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार बुधवार सुबह 6 बजे समाप्त 24 घंटे की अवधि में सौराष्ट्र के कई जिलों, विशेष रूप से देवभूमि द्वारका, जामनगर, पोरबंदर और राजकोट में बहुत भारी बारिश हुई।
अन्य न्यूज़