Prabhasakshi NewsRoom: मोरबी पुल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ी, कई लापता, आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज
इस बीच, राज्य के सूचना विभाग ने बताया कि एनडीआरएफ के पांच दल, एसडीआरएफ के छह दल, वायु सेना का एक दल, सेना की दो टुकड़ियां तथा भारतीय नौसेना के दो दलों के अलावा स्थानीय बचाव दल तलाश अभियान में शामिल हैं।
गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर बने केबल पुल के टूटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को 134 हो गई है। इस बीच, इस घटना को लेकर राजनीति भी तेज हो गयी है। विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जहां गुजरात सरकार पर सवाल उठा रही हैं वहीं भाजपा का कहना है कि हादसे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। राज्य सरकार का कहना है कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। लेकिन माहौल चुनावी होने के कारण भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं क्योंकि मृतकों का बढ़ता आंकड़ा लोगों की नाराजगी बढ़ा रहा है।
उधर, गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने बताया है कि बचावकर्मी दो लोगों की तलाश कर रहे हैं जो लापता बताए जा रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘माच्छू नदी में बचाव अभियान अंतिम चरण में हैं। यह जल्द ही खत्म हो जाएगा। ताजा जानकारी के अनुसार इस हादसे में 134 लोगों की जान चली गयी है तथा दो अब भी लापता हैं।’’ सांघवी ने कहा कि पुल ढहने की घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है। इसमें सड़क एवं भवन विभाग के सचिव संदीप वसावा और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
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इस बीच, राज्य के सूचना विभाग ने बताया कि एनडीआरएफ के पांच दल, एसडीआरएफ के छह दल, वायु सेना का एक दल, सेना की दो टुकड़ियां तथा भारतीय नौसेना के दो दलों के अलावा स्थानीय बचाव दल तलाश अभियान में शामिल हैं। तलाश अभियान रात से चल रहा है। हम आपको बता दें कि यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था। पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया।
इस बीच, प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय का यह ‘‘हैंगिंग ब्रिज’’ जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर ‘‘लोगों की भारी भीड़’’ के कारण टूट कर गिर गया हो।
बताया जा रहा है कि दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे इस पुल पर काफी भीड़ थी। बताया जा रहा है कि एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था। एक अधिकारी ने बताया कि मरम्मत का काम पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोला गया था लेकिन स्थानीय नगर निकाय ने अभी तक कोई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया था।
इस बीच, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल रविवार रात दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने सिविल अस्पताल में घायलों से मुलाकात भी की। राज्य सरकार ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपए और घायलों को पचास-पचास हजार रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है। उधर, भाजपा ने बताया है कि इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मेादी ने राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को अहमदाबाद में होने वाला अपना रोड शो रद्द कर दिया है। उन्होंने बताया कि मोदी की उपस्थिति में मंगलवार को होने वाले ‘‘पेज कमिटी सम्मेलन’’ को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि सोमवार को राज्य के पांच जोन से गुजरने वाली उसकी परिवर्तन संकल्प यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है।
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