प्रश्नकाल के निलंबन पर थरूर का आरोप, कहा- संसद को नोटिस बोर्ड बनाने की कोशिश में सरकार
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि मैंने चार महीने पहले कहा था कि मजबूत नेता महामारी को लोकतंत्र और विरोध को खत्म करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने संसद के आगामी मानसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं होने से जुड़ी अधिसूचना को लेकर बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार देश की संसद को नोटिस बोर्ड बनाने की कोशिश में है। उन्होंने यह भी कहर कि सरकार से सवाल करना संसदीय लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन की तरह होता है और प्रश्नकाल से जुड़े इस निर्णय को उचित नहीं ठहराया जा सकता। थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘ मैंने चार महीने पहले कहा था कि मजबूत नेता महामारी को लोकतंत्र और विरोध को खत्म करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। संसद सत्र से जुड़ी अधिसूचना के माध्यम से घोषणा की गई है कि इस बार प्रश्नकाल नहीं होगा। हमें सुरक्षित रखने के नाम पर इसे उचित कैसे ठहराया जा सकता है?’’
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उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार से सवाल पूछना संसदीय लोकतंत्र का ऑक्सीजन होता है। ये सरकार संसद को एक नोटिस बोर्ड बनाने की कोशिश में और जो भी पारित कराना चाहती है उसके लिए अपने अपने बहुमत को रबर स्टांप के तौर पर इस्तेमाल करती है। जवाबदेही को बढ़ावा देने वाली व्यवस्था को किनारे लगा दिया गया है। ’’
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गौरतलब है कि संसद के आगामी मानसून सत्र में न तो प्रश्न काल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा सकेंगे। कोरोना महामारी के इस दौर में पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों के बीच होने जा रहे इस सत्र में शून्य काल को भी सीमित कर दिया गया है। लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग पालियों में सुबह नौ बजे से एक बजे तक और तीन बजे से सात बजे तक चलेगी। शनिवार तथा रविवार को भी संसद की कार्यवाही जारी रहेगी। संसद सत्र की शुरुआत 14 सितम्बर को होगी और इसका समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है।
1/2 I said four months ago that strongmen leaders would use the excuse of the pandemic to stifle democracy&dissent. The notification for the delayed Parliament session blandly announces there will be no Question Hour. How can this be justified in the name of keeping us safe?
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 2, 2020
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