आरक्षण संबंधी अदालती फैसले पर पुनरीक्षण याचिका दायर करे सरकार: शरद यादव
वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने नियुक्ति और प्रोन्नति में आरक्षण को मौलिक अधिकार के दायरे से बाहर बताने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले से असहमति जताते हुये केन्द्र सरकार से इस पर पुनरीक्षण याचिका दायर करने की मांग की है।
नयी दिल्ली। वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने नियुक्ति और प्रोन्नति में आरक्षण को मौलिक अधिकार के दायरे से बाहर बताने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले से असहमति जताते हुये केन्द्र सरकार से इस पर पुनरीक्षण याचिका दायर करने की मांग की है। यादव ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि सरकार, सात फरवरी को दिये गये उच्चतम न्यायालय के फैसले पर यथाशीघ्र पुनरीक्षण याचिका दायर करे।
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गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। यादव ने कहा, ‘‘मैं भारत सरकार से अपील करूंगा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिये वह उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा कर पुनरीक्षण याचिका दायर करे ताकि इन वर्गों का उत्थान जारी रह सके।’’
आज भी देश में दलित अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़े लोग जितने पीछे हैं और किसी समुदाय के नहीं हैं। इसलिए आरक्षण की नीति जैसे है वैसे ही रखना चाहिए। जबकि आज की सरकार इन वर्गो के हक में काम नहीं करती है मगर विनती है किसुप्रीम कोर्ट में आरक्षण नीति के लिये रिव्यू की दरखास देनी चाहिए।
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) February 9, 2020
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