जेईई-नीट मामले में राहुल का सरकार से आग्रह, कहा- परीक्षाओं के मुद्दे पर सहमति बनाकर समाधान निकालें
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मैं नहीं समझता कि लोगों को आगे और तकलीफ क्यों दी जाए? मैं नहीं समझता कि आपने क्या गलत किया है?
नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश से संबंधित नीट एवं जेईई की परीक्षाएं कोरोना वायरस महामारी के बीच कराने के फैसले का विरोध करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार को सभी पक्षों से बातचीत कर सहमति बनाते हुए कोई समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने सरकार पर कोरोना वायरस संकट से निपटने में अक्षम रहने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को अपना फैसला थोपना नहीं चाहिए। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार से आग्रह किया कि छात्रों की आवाज सुनी जाए और राजनीति से ऊपर उठकर फैसला किया जाए।
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कांग्रेस के ‘स्पीक अप फॉर स्टूडेंट सेफ्टी’ अभियान के तहत राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘प्रिय छात्रों, आप इस देश का भविष्य हैं और आप लोग ही भारत को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। हर व्यक्ति समझता है कि पिछले तीन-चार महीनों में क्या हुआ। हर कोई समझता है कि कोविड संकट से सही ढंग से निपटा नहीं गया। आर्थिक तबाही हुई, लोगों को दर्द हुआ है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं नहीं समझता कि लोगों को आगे और तकलीफ क्यों दी जाए? मैं नहीं समझता कि आपने क्या गलत किया है? स्पष्ट तौर पर देख सकता हूं कि सरकार अक्षम रही है। सरकार को क्यों आप पर कुछ थोपना चाहिए? सरकार को आपको सुनना चाहिए।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘कोई भी निर्णय सभी से बातचीत के बाद लिया जाना चाहिए। सरकार को सहमति बनानी चाहिए।’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘भारत सरकार से मेरा कहना है कि आप पहले ही पर्याप्त तबाही कर चुके हैं। आपने छात्रों को आहत किया है। आप देश के छात्रों को सुनिए और फिर शांतिपूर्वक समाधान निकालिए।’’
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प्रियंका ने कहा, ‘‘कोरोना के बढ़ते संक्रमण के माहौल में जेईई-नीट परीक्षा देने जाने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिवावकों की बात सुनना जरूरी है। ये बच्चे देश का भविष्य हैं। छात्र-छात्राओं की चिंताओं को संवेदना से देखना होगा न कि हठ और राजनीतिक दृष्टि से।’’ उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि छात्रों की आवाज अनसुनी नहीं की जाए और राजनीति से इतर फैसला किया जाए। गौरतलब है कि जेईई(मेन) परीक्षा एक से छह सितंबर के बीच होगी, जबकि नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित कराने का कार्यक्रम है।
NEET-JEE aspirants’ safety should not compromised due to the failures of the Govt.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 28, 2020
Govt must listen to all stakeholders and arrive at a consensus.#SpeakUpForStudentSafety pic.twitter.com/Y1CwfMhtHf
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