सरकार ने लॉलीपॉप बजट से देश के आम लोगों के साथ विश्वासघात किया: कांग्रेस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के उद्देश्य के साथ 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को गति देने के मकसद से राजमार्गों से लेकर सस्ते मकानों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है।
चिदंबरम ने दावा किया कि यह बजट अर्थव्यवस्था के समक्ष खड़ी सभी बड़ी चुनौतियों से निपटने में विफल है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट भाषण में गरीबों और दो साल में पीड़ा झेलने वालों की नकदी के जरिये मदद करने के लिए कुछ नहीं कहा गया। नौकरियों के सृजन के बारे में कुछ नहीं कहा गया, छोटे एवं मझोले उद्योगों में नयी जान डालने के बारे में एक शब्द नहीं बोला गया, कुपोषण एवं भूखमरी की स्थिति से निपटने के संदर्भ में कुछ नहीं कहा गया और अप्रत्यक्ष करों विशेषकर जीएसटी में कटौती को लेकर कुछ नहीं कहा गया।’’ चिदंबरम के अनुसार, वित्त मंत्री ने महंगाई पर काबू करने और मध्य वर्ग को कर में राहत देने के बारे में भी कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के पास विशाल बहुमत है और इसलिए वह इस बजट को संसद में पारित करा लेगी, लेकिन जनता इस पूंजीवादी बजट को नकार देगी।’’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार के वादे एक के एक बाद झूठ साबित होते जा रहे हैं। राजकोषीय घाटा अभी बहुत ही ज्यादा है... कॉरपोरेट कर घटाया, लेकिन आम लोगों को राहत नहीं दी। वित्त मंत्री जी ने बजट भाषण के दौरान महाभारत का उल्लेख किया। मैं तो यही कहूंगा कि यह ‘द्रोणाचार्य और अर्जुन का बजट’ है, ‘एकलव्य का बजट’ नहीं है।’’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘भारत का वेतनभोगी वर्ग एवं मध्य वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था।M0di G0vernment’s Zer0 Sum Budget!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2022
Nothing for
- Salaried class
- Middle class
- The poor & deprived
- Youth
- Farmers
- MSMEs
वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर प्रत्यक्ष कर से संबंधित अपने कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग के साथ विश्वासघात है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार ने ‘क्रिप्टो करेंसी’ से होने वाली आय पर कर लगाकर ‘क्रिप्टो करेंसी’ को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि इसमें सिर्फ लच्छेदार बातें की गई हैं, लेकिन रोजगार सृजन, अर्थव्यवस्था की मजबूती और देश को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं है। पार्टी ने आपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘वेतनभोगी और मध्य वर्ग के लोग इस इंतजार में थे कि मुश्किल के समय बजट से मदद मिलेगी, लेकिन ‘लॉलीपॉप बजट’ से एक बार फिर साबित हो गया कि भाजपा सरकार में ‘अच्छे दिन’ का इंतजार करने का मतलब समय की बर्बादी है।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के उद्देश्य के साथ 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को गति देने के मकसद से राजमार्गों से लेकर सस्ते मकानों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, लेकिन आयकर स्लैब या कर दरों में बदलाव का प्रस्ताव नहीं किया है।
अन्य न्यूज़