आबादी के आधार पर बीट प्रणाली का किया जा रहा गठन- एसएसपी

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प्रतिरूप फोटो

बीट प्रणाली को आबादी के आधार पर क्रियाशील करें। एसएसपी ने कहा कि पुलिस महकमे की मुख्य कड़ी माने जाने वाले बीट कांस्टेबल को अब आला अधिकारी मोबाइल एप के माध्यम से टास्क देंगे।

गोरखपुर। बीट प्रणाली को बढ़ती आबादी के आधार पर व नए थानों तथा चौकियों के आधार पर नए तरीके से पुलिस प्रणाली को बेहतर तरीके से बीट व्यवस्था को क्रियाशील किया जाएगा। बीट व्यवस्था कोई नया व्यवस्था नहीं है यह ब्रिटिश काल से ही क्रियाशील था। एडीजी जोन बीट व्यवस्था को पुनः क्रियाशील करते हुई शुरू किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने पुलिस अधीक्षक नगर पुलिस अधीक्षक उत्तरी पुलिस अधीक्षक दक्षिणी को निर्देशित किया है कि अपने-अपने सर्किल के अंतर्गत  सभी क्षेत्र अधिकारी व थाना प्रभारियों को क्रियाशील करते हुए उनके साथ बैठक करें। बीट प्रणाली को आबादी के आधार पर क्रियाशील करें। एसएसपी ने कहा कि पुलिस महकमे की मुख्य कड़ी माने जाने वाले बीट कांस्टेबल को अब आला अधिकारी  मोबाइल एप के माध्यम से टास्क देंगे। एप से जहां कांस्टेबल की लोकेशन का पता चलता रहेगा  इस व्यवस्था से अपराधियों की सही तरह से निगरानी हो पाएगी ।जिससे अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी। साथ ही कांस्टेबल के कार्यो में आयेगी ब्रिटिश काल में बीट कांस्टेबल की मजबूत व्यवस्था बनाई गई थी। उस समय खुफिया तंत्र इतना प्रभावी नहीं था इसलिए बीट कांस्टेबल पर ही पुलिसिंग का दारोमदार रहता था। बीट कांस्टेबल अपने कार्यक्षेत्र की हर हरकत पर नजर रखता था और समय-समय पर उसकी सूचना अफसरों को उपलब्ध कराता था।

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यही नहीं, क्षेत्र में कितनी दुकानें हैं दुकान का मालिक कौन है कौन व्यक्ति क्षेत्र का दबंग है  किस घर में कितने लोग रहते हैं। इस तरह की छोटी-छोटी जानकारी भी वह रखता था। अधिकांश यह भी होता था कि किसी साजिश का पहले ही भंडाफोड़ हो जाता था। बीट कांस्टेबल पर अपने क्षेत्र की मजबूत जिम्मेदारी होती थी। लेकिन जैसे-जैसे बदलाव आते गए, बीट कांस्टेबल का काम मूल उद्देश्यों से भटकता चला गया। एक थाने के अंतर्गत जितनी चौकियां आती हैं, उनके आधार पर ही बीट कांस्टेबल की तैनाती होती है। एक समय था जब बीट कांस्टेबल घर-घर जाकर सूचना जुटाता था। बाकायदा इसका बीट रजिस्टर बनता था और पूरे क्षेत्र का विवरण उसमें दर्ज किया जाता था। लेकिन पिछले 10 से 15 वर्षों में काम का दबाव ऐसा बढ़ा कि बीट कांस्टेबल मुख्य जिम्मेदारी ही भूल गया। वहीं बीट कांस्टेबल के अपने उद्देश्यों से भटकने की एक बड़ी वजह स्टाफ की कमी भी रही है। लगातार थानों से स्टाफ कम होता रहा। लेकिन उनके अनुसार भर्ती नहीं हो सकी। अब हर थानों व चौकियों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस की मौजूदगी हो गई है आबादी के आधार पर बीट प्रणाली बनाई जा रही है जिसका सहायक पुलिस अधीक्षक व क्षेत्राधिकारी थाना प्रभारी निगरानी करते रहेंगे बेहतर बीट प्रणाली से अपराध नियंत्रण में किल का पत्थर साबित होगा बीट प्रणाली में बेहतर कार्य करने वाले जवानों को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया जाएगा।

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