विपक्ष के प्रस्ताव को गोपाल कृष्ण गांधी ने ठुकराया, नहीं बनेंगे राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शरद पवार के नाम की चर्चा काफी दिनों से हो रही थी। हालांकि उन्होंने उम्मीदवार बनने से इंकार कर दिया और कहा कि वह सक्रिय राजनीति में रहना चाहते हैं। शरद पवार के बाद विपक्ष की ओर से फारुख अब्दुल्ला के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया। फारूक अब्दुल्ला ने इनकार करते हुए कहा कि मैं भारत के राष्ट्रपति के लिए संभावित संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम विचार से वापस लेता हूं।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार और नेशनल कांफ्रेंस सुप्रीमो फारुख अब्दुल्ला के बाद अब गोपाल कृष्ण गांधी ने भी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए विपक्ष के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इसका मतलब साफ है कि गोपाल कृष्ण गांधी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से अब उम्मीदवार नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि मेरे नाम के प्रस्ताव के लिए शुक्रिया। आपको बता दें कि 21 जून को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शरद पवार के नेतृत्व में विपक्ष की एक अहम बैठक होने वाली है। इससे पहले दिल्ली में ममता बनर्जी के नेतृत्व में एक बड़ी बैठक हो चुकी है। दिल्ली के बैठक में विपक्षी 17 पार्टियां शामिल हुई थीं और साझा उम्मीदवार उतारने पर सहमति भी बन गई थी। उस बैठक से कई नाम निकल कर सामने आए थे।
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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शरद पवार के नाम की चर्चा काफी दिनों से हो रही थी। हालांकि उन्होंने उम्मीदवार बनने से इंकार कर दिया और कहा कि वह सक्रिय राजनीति में रहना चाहते हैं। शरद पवार के बाद विपक्ष की ओर से फारुख अब्दुल्ला के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया। फारूक अब्दुल्ला ने इनकार करते हुए कहा कि मैं भारत के राष्ट्रपति के लिए संभावित संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम विचार से वापस लेता हूं। मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है और इस अनिश्चित समय में मदद करने के लिए मेरे प्रयासों की आवश्यकता है। खबर सामने आई थी कि ममता बनर्जी ने शरद पवार के इनकार करने के बाद फारूक अब्दुल्ला और महाराष्ट्र गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा। हालांकि कहा जाता है कि वामदलों ने सर्वप्रथम गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा था।
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कब होगा राष्ट्रपति चुनाव ?
चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिसके मुताबिक, देश के अगले महामहिम को चुनने के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे। जबकि 21 जुलाई को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे और देश को नए महामहिम मिलेंगे। इस चुनाव में सांसदों और विधायकों वाले निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे। इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों का मन टटोलने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं से बातचीत की। हालांकि विपक्ष की तरफ से अभी तक राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम तय नहीं हो पाया है।
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