वामपंथियों के गढ़ में BJP का परचम लहराने के कारण सुर्खियों में रहते हैं Giriraj Singh

Giriraj Singh
प्रतिरूप फोटो
ANI
Prabhasakshi News Desk । Jun 4 2024 10:17PM

गिरिराज सिंह (71) इस बार किसी विवादित बयान के कारण नहीं, बल्कि अपनी चुनावी रणनीति के कारण सुर्खियों में हैं। उन्होंने घोषित परिणामों में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अवधेश कुमार राय को 81 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की। भाकपा ने इस सीट पर पिछली बार 1967 में जीत दर्ज की थी।

नयी दिल्ली । विपक्ष पर अपने तीखे बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वाले भाजपा नेता गिरिराज सिंह (71) इस बार किसी विवादित बयान के कारण नहीं, बल्कि अपनी चुनावी रणनीति के कारण सुर्खियों में हैं। गिरिराज सिंह ने मंगलवार को घोषित परिणामों में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अवधेश कुमार राय को 81 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराकर बेगूसराय सीट पर जीत दर्ज की।भाकपा ने इस सीट पर पिछली बार 1967 में जीत दर्ज की थी। बिहार की 40 लोकसभा सीट में से एक बेगूसराय सीट पर वर्ष 2014 के आम चुनाव में भाजपा के भोला सिंह ने और वर्ष 2019 में गिरिराज ने जीत दर्ज की थी। इस बार इस सीट के लिए चौथे चरण में 13 मई को चुनाव हुआ। 

हिन्‍दुत्‍व का झंडा बुलंद करने वाले गिरिराज सिंह को प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है। चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति के तहत देश में लव जिहाद और भूमि जिहाद करने का आरोप लगाया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में गिरिराज सिंह ने 6,92,193 वोट हासिल करके सबको चौंका दिया। गिरिराज सिंह को कुल वोट का 56.5 फीसदी हिस्सा प्राप्त हुआ जबकि दूसरे नंबर पर रहे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार कन्हैया कुमार को केवल 2,69,976 वोट (22 फीसदी) से संतोष करना पड़ा। 

राजद के मो. तनवीर हसन 1,98,233 वोट (16.2फीसदी) प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। गिरिराज ने वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव बिहार की नवादा सीट से जीता था और उन्हें कुल 3,90,248 वोट मिले थे। भूमिहार बहुल बेगूसराय सीट पर आजादी के बाद से अब तक केवल इसी जाति के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। यद्यपि वर्ष 2009 का आम चुनाव अपवाद है जब जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) प्रत्याशी डॉ. मोनाजिर हसनने इस सीट से जीत हासिल की थी। गिरिराज वर्ष 2002 से मई 2014 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे। इस दौरान वर्ष 2010 से 2013 तक वह बिहार सरकार में पशु पालन एवं मत्स्य संसाधन विकास मंत्रालय में मंत्री रहे। नवादा लोकसभा सीट से पहली बार लोकसभा पहुंचने के बाद गिरिराज को नौ नवंबर 2014 को केंद्र में मंत्री बनाया गया। उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय) का पद मिला जिस पर वहतीन सितंबर 2017 तक रहे। 

बाद में इस मंत्रालय में उन्होंने तीन सितंबर 2017 से25 मई 2019 तक केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में काम किया। बेगूसराय सीट से दोबारा लोकसभा के लिए निर्वाचित होने पर गिरिराज को 30 मई 2019को पहली बार केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उन्होंनेमत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग के केंद्रीय मंत्री के रूप में सातजुलाई 2021 तक काम किया। लेकिन 2021 में मोदी मत्रिमंडल में हुए फेरबदल में उनका कद बढ़ गया और उन्हें दो मंत्रालयों (ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्राल) का कैबिनेट मंत्री बनाया गया जो अब भी उनके पास है। पिता राम अवतार सिंह और माता तारा देवी की संतान के रूप में गिरिराज का जन्म बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया में आठ सितंबर, 1952 को हुआ। मगध विश्वविद्यालय से स्नातक गिरिराज की पत्नी का नाम उमा सिन्हा है और इस दंपति की एक बेटी है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़