भाजपा नेताओं को छोड़कर दूसरे दलों के नेताओं को किया गया नजरबंद: आजाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मुझे भी चिंता है कि जम्मू-कश्मीर में टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं होनी चाहिए।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय से जम्मू-कश्मीर के दौरे की इजाजत मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि यह उनके राज्य के आम लोगों तक पहुंचने की (उनकी) ‘मानवीय’ यात्रा होगी और वापस आकर वह शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। आजाद ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य प्रशासन और केंद्र सरकार को लोगों की कोई परवाह नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को आजाद को जम्मू-कश्मीर जाने की अनुमति देते हुए कहा कि वह वहां कोई राजनीतिक रैली ना करें।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद को जम्मू, अनंतनाग, बारामूला और श्रीनगर जाने और लोगों से बातचीत करने की अनुमति दी है। आजाद ने बताया कि वह मानवीय आधार पर कश्मीर जायेंगे लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह कब जायेंगे। आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे भी चिंता है कि जम्मू-कश्मीर में टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं होनी चाहिए। लेकिन उससे पहले प्राथमिकता यह है कि लोग जिंदा रहने के लिए कमाएं और अपने परिवार को खिलाएं।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा के नेताओं को छोड़कर दूसरे दलों के नेताओं को नजरबंद किया गया। कौन आवाज उठाएगा? इसलिए मैं उच्चतम न्यायालय की शरण में गया। सरकार इसको लेकर चिंतित नहीं है। आजाद ने कहा कि मैंने जम्मू-कश्मीर जाने की कोशिश की थी लेकिन मुझे वापस भेज दिया गया। मैंने बिल्कुल नहीं कहा है कि अपने परिवार से मिलने जा रहा हूं। परिवार की भी चिंता है, लेकिन इससे ज्यादा मेरी लोगों के बारे में चिंता है कि वो क्या खा रहे हैं, क्या पी रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं पूरे राज्य का दौरा करना चाहता था, लेकिन मुझे कुछ स्थानों पर जाने की अनुमति मिली है। मैं उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद करता हूं। जो भी रिपोर्ट लाऊंगा वो न्यायालय के समक्ष रखूंगा।
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प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के इस बयान पर कि यदि जरूरत उत्पन्न हुई तो वह जम्मू कश्मीर की स्थिति देखने खुद ही वहां जायेंगे, आजाद ने कहा कि मैं खुश हूं और मैं सोचता हूं कि कश्मीर घाटी में सभी को (इस बात पर) खुश होना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश जैसे व्यक्ति ने अपनी चिंता प्रदर्शित की है और उन्होंने महसूस किया है कि उन्हें स्वयं ही कश्मीर जाना चाहिए और देखना चाहिए कि कैसे चीजें आगे बढ़ रही हैं। बाद में पार्टी नेता राजीव शुक्ला ने भी प्रधान न्यायाधीश के बयान का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उन्हें जम्मू कश्मीर की स्थिति को लेकर आशंका है और वह राज्य की यात्रा करना चाहते हैं। मैं सोचता हूं कि यह बयान बहुत सकारात्मक है.. यह स्वागतयोग्य बयान है। उच्चतम न्यायालय से आजाद को जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति मिलने पर शुक्ला ने कहा कि अदालत ने सही फैसला किया है।
Congress's Ghulam N Azad: I am thankful to Supreme Court for permitting me to travel to Jammu & Kashmir. I'll present my report before the Supreme Court. I am happy that no less than CJI has show his concern and he has held that he should visit J&K and see how things are moving. pic.twitter.com/uPlOjWLmUB
— ANI (@ANI) September 16, 2019
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