ग़ुलाम नबी आज़ाद बोले- नया संसद भवन कांग्रेस की ही सोच, अब कोई इसका बहिष्कार करता है तो...

Ghulam Nabi Azad
ANI
अंकित सिंह । May 24 2023 5:30PM

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज से 23-32 वर्ष पहले जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तब शिवराज पाटिल ने कहा था कि 2026 से पहले नया और बड़ा संसद भवन बनना चाहिए क्योंकि 2026 तक अंकुश लगा है कि संसद की सीटें बढ़ाई नहीं जा सकती हैं।

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर देश की राजनीति गर्म है। 19 विपक्षी पार्टियों ने संसद भवन के उद्घाटन सत्र का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। उनकी मांग है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद भवन का उद्घाटन करें। इन सबके बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे और अब डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने बड़ा बयान दिया है। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज से 23-32 वर्ष पहले जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तब शिवराज पाटिल ने कहा था कि 2026 से पहले नया और बड़ा संसद भवन बनना चाहिए क्योंकि 2026 तक अंकुश लगा है कि संसद की सीटें बढ़ाई नहीं जा सकती हैं। जहां तक नया संसद भवन बनाने की बात है तो यह नई बात नहीं है यह 32 साल पहले कांग्रेस की ही सोच थी। 

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ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि अब कोई इसका बहिष्कार करता है, नहीं जाता है तो इस पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है। उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी होती तो उसे इसे बनान ही पड़ता। विपक्ष द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये विपक्ष की तरफ से एक निराधार बहस उठाने का काम किया जा रहा है। ऐसा भी नहीं है कि इनके शासन काल में इनके प्रधानमंत्रियों के द्वारा ऐसे उद्घाटन नहीं हुए। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह राष्ट्रपति और भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को कमज़ोर करता है... आप लोकतांत्रिक सिद्धांतों और प्रोटोकॉल को कमज़ोर कर रहे हैं इसलिए कांग्रेस पार्टी ने सभी समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों से बात की और वह इस कार्यक्रम को बहिष्कार करने के लिए तैयार हुए... अगर राष्ट्रपति नए संसद भवन का उद्घाटन कर रही हैं तो आप (प्रधानमंत्री) एक मुख्य अतिथि के रूप में वहां मौजूद रह सकते हैं लेकिन आप उनकी (राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति) मौजूदगी नहीं चाहते। 

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टीएमसी नए भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाली पहली पार्टी थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गुटों (सीपीआई (एम), सीपीआई), जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), सहित 18 अन्य दलों द्वारा इसका अनुसरण किया गया। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना (UBT), विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), समाजवादी पार्टी (SP), झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (मणि), राष्ट्रीय लोक दल (RLD), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), और मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम भी नए भवन के उद्घाटन का बहिष्कार कर रही है।

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