गहलोत ने पीएम पर साधा निशाना, कहा- वस्तुस्थिति बताने में क्यों कर रहे हैं संकोंच?

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गहलोत ने कहा,‘‘ प्रधामंत्री वस्तुस्थिति बताने में क्यों संकोंच कर रहे है?चीन ने गलवान घाटी में कहां निर्माण किया है। यह क्यों नहीं बताया जा रहा- इसे छुपाने का क्या मतलब है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ प्रधानमंत्री के चीन के साथ में जिस प्रकार से रिश्ते हैं आज वह समझ के परे है।

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनका यह बयान वापस लेने की मांग की कि चीन ने हमारी जमीन पर कोई घुसपैठ या किसी पोस्ट पर कब्जा नहीं किया। गहलोत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री को देश की जनता को बताना चाहिए कि सीमा पर क्या हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस रूप में प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों के साथ बैठक के दौरान कहा था कि चीन हमारी जमीन पर आया ही नहीं है, न हमारी किसी चौकी पर उसका कब्ज़ा है, वह उन्होंने बडी भूल की है। गहलोत ने कहा कि नरेन्द्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिनके वक्तव्य का चीन में स्वागत हुआ है। वहां की मीडिया में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य का स्वागत हो रहा है, वहां की सरकार स्वागत कर रही है। चूंकि जो चीन चाहता था उसका प्रमाणपत्र हमारे देश के प्रधानमंत्री ने जाने-अनजाने में दे दिया, जिसकी जरूरत नहीं थी।’’ 

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से पडोसी देशों के मिजाज भारत के खिलाफ होने के बारे में स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा कि 2014 में जब राजग की सरकार बनी थी तब प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देशों के राष्ट्रध्यक्षों को बुलाया था। उन्होंने कहा कि एक अच्छी शुरुआत हुई थी लेकिन अभी क्या कारण रहा कि इतने कम अरसे के अंदर आज तमाम पड़ोसी मुल्कों के मिजाज़ हमारे खिलाफ हो गए? उन्होंने कहा,‘‘ क्या प्रधानमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी नहीं है कि वो तमाम मुल्कों को विश्वास में लें। जब कभी भी सीमा पर घटनाएं हुईं तो पूरा देश एकजुट रहा है। आज भी विपक्षी पार्टियां बिना कोई शर्त के एकजुट हैं प्रधानमंत्री और सरकार के साथ है।’’ उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि देशवासियों को यह पूछने का हक है कि वास्तव में स्थिति क्या है ? पूरा मुल्क आपके साथ में खड़ा है और आज 1962 वाली स्थिति भी नहीं है। 

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गहलोत ने कहा,‘‘ प्रधामंत्री वस्तुस्थिति बताने में क्यों संकोंच कर रहे है?चीन ने गलवान घाटी में कहां निर्माण किया है। यह क्यों नहीं बताया जा रहा-- इसे छुपाने का क्या मतलब है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ प्रधानमंत्री के चीन के साथ में जिस प्रकार से रिश्ते हैं आज वह समझ के परे है। जब वह मुख्यमंत्री थे तब भी 4 बार चीन गए, जब से वह प्रधानमंत्री थे तब 5 बार चीन गए और वैसे तो उनकी 18 बार चीन के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात हुई है। चीन के राष्ट्रपति के साथ अहमदाबाद में जब प्रधानमंत्री झूला झूल रहे थे तब भी सीमाओं पर झड़पें चल रही थीं, तब नरेंद्र मोदी को समझ जाना चाहिए था कि मैं इनको झूले झुलवा रहा हूं और वहां पर झड़पें हो रही हैं तो इनकी मंशा क्या है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह़ (प्रधानमंत्री) उनकी मंशा समझ नहीं पाए।....जिस रूप में विपक्षी पार्टियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने कह दिया कि चीन हमारी जमीन पर आया ही नहीं है, न हमारी किसी चौकी पर उसका कब्ज़ा है, वह उन्होंने भूल की है।’’ उन्होंने कहा कि ये घटनाएं बताती हैं कि किस दबाव में हैं प्रधानमंत्रीऔर अमित शाह।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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