Rajasthan Politrics: गहलोत समर्थक प्रताप सिंह खाचरियावास बोले, पर्यवेक्षकों को इतनी जल्दी परेशान नहीं होना चाहिए
पीएस खाचरियावास ने यह भी कहा कि माहौल बनाया गया कि सीएम 19 विधायकों के हिसाब से बने, 102 विधायकों के हिसाब से नहीं। अशोक गहलोत के नामांकन पर उन्होंने कहा कि इस पर फैसला करना सोनिया गांधी पर है।
राजस्थान में कांग्रेस के भीतर मचे सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायक और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आज बड़ा बयान दिया है। खाचरियावास ने कहा कि पर्यवेक्षकों को इतनी जल्दी परेशान नहीं होना चाहिए था। उन्हें थोड़ा देर इंतजार करना चाहिए था। दरअसल, कांग्रेस की ओर से राजस्थान में एक विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। दिल्ली से इस बैठक में शामिल होने के लिए पर्यवेक्षक के तौर पर अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे थे। अशोक गहलोत के समर्थक विधायक इस बैठक में पहुंचने की बजाए शांति धारीवाल के यहां हो रही एक बैठक में पहुंच गए थे। शांति धारीवाल के यहां हुई बैठक को पर्यवेक्षक अनुशासनहीनता मान रहे हैं। पर्यवेक्षकों का दावा है कि यह सब अशोक गहलोत के ही इशारे पर हुआ है।
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इसी को लेकर प्रताप सिंह खाचरियावास का यह बयान सामने आया है। अशोक गहलोत समर्थकों का दावा है कि पर्यवेक्षक दिल्ली से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव लेकर आए थे। प्रताप सिंह खाचरियावास ने शांति धारीवाल का भी बचाव किया उन्होंने कहा कि धारीवाल वरिष्ठ नेता हैं और उन जैसे नेता ने कोई मुद्दा उठाया है तो पार्टी को उस पर ध्यान देना चाहिए। दरअसल, एक संवाददाता सम्मेलन में शांति धारीवाल ने कहा था कि सचिन पायलट को अगर मुख्यमंत्री बनाने की बात कही जाएगी तो विधायकों में गुस्सा भड़केगा। सचिन पायलट ने सरकार गिराने की कोशिश की थी। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि गद्दारी करने वालों को पुरस्कार बर्दाश्त नहीं है।
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पीएस खाचरियावास ने यह भी कहा कि माहौल बनाया गया कि सीएम 19 विधायकों के हिसाब से बने, 102 विधायकों के हिसाब से नहीं। अशोक गहलोत के नामांकन पर उन्होंने कहा कि इस पर फैसला करना सोनिया गांधी पर है। वहीं, मंत्री महेश जोशी ने कहा कि दो दिन पहले विधायक दल की बैठक हुई थी अचानक पिर से बैठक आ गई जिस पर लोगों के मन में सवाल आया कि फिर से बैठक क्यों बुलाई गई है... 7 बजे बैठक थी और हमने लोगों को धारीवाल जी के घर पर 5 बजे विचार-विमर्श के लिए बुलाया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारी मांग है कि जिन्होंने कांग्रेस को कमज़ोर करने की और सरकार गिराने की कोशिश की उनमें से किसी को भी सीएम के पद लिए न चुना जाए।
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