बॉम्बे HC से गौतम नवलखा को राहत, एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में मिली जमानत
हाई कोर्ट ने नवलखा को ₹1 लाख के मुचलके पर जमानत दे दी। गौतम अदलखा एल्गार परिषद मामले में जमानत पाने वाले सातवें आरोपी हैं। एक विशेष अदालत ने अप्रैल में नवलखा को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि प्रथम दृष्टया उनके संबंध प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) से हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी है, जिन्हें 2018 में एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह अपने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के कारण घर में नजरबंद रह रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अदालत से आदेश को छह सप्ताह के लिए निलंबित करने का आग्रह किया ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सके। कोर्ट ने एजेंसी को तीन हफ्ते का वक्त दिया। गौतम नवलखा को अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल नवंबर में शीर्ष अदालत ने उन्हें नवी मुंबई में नजरबंद करने की अनुमति दी थी।
इसे भी पढ़ें: शाही ईदगाह मामले में कोर्ट चल रही थी सुनवाई, तभी पास के साथ भगवान कृष्ण ने इलाहाबाद HC में किया प्रवेश
हाई कोर्ट ने नवलखा को ₹1 लाख के मुचलके पर जमानत दे दी। गौतम अदलखा एल्गार परिषद मामले में जमानत पाने वाले सातवें आरोपी हैं। एक विशेष अदालत ने अप्रैल में नवलखा को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि प्रथम दृष्टया उनके संबंध प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) से हैं। उच्च न्यायालय में दायर अपनी अपील में नवलखा ने कहा कि विशेष अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करके गलती की है। नियमित जमानत के लिए उच्च न्यायालय में नवलखा की अपील का यह दूसरा दौर है। पिछले साल सितंबर में विशेष एनआईए अदालत द्वारा उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने के बाद नवलखा ने पहले उच्च न्यायालय का रुख किया था।
इसे भी पढ़ें: Gyanvapi तहखाने में क्या-क्या मिला, ASI ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट
एनआईए ने तब नवलखा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया था कि उनकी भर्ती के लिए उन्हें पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) जनरल से मिलवाया गया था, जो संगठन के साथ उनकी सांठगांठ को दर्शाता है। हालाँकि, उच्च न्यायालय ने राय दी थी कि विशेष अदालत के आदेश में तर्क गूढ़ था और इसमें अभियोजन पक्ष के दृष्टिकोण के आधार पर सबूतों का विश्लेषण शामिल नहीं था।
अन्य न्यूज़