गांधी जी के विचारों को जन जन तक पहुंचाया जाए: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू ने सात सामाजिक पापों की चर्चा की है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भवनों में सात सामाजिक पापों को इस तरह से अंकित कराना चाहिए कि वह नष्ट न हों।
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि महात्मा गांधी को देवता की तरह पूजने के बजाए उनके विचारों को जन जन तक पहुंचाया जाना चाहिए।पटना स्थित ज्ञान भवन में गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित “गांधी विचार समागम” का उदघाट्न और जल-जीवन-हरियाली अभियान का शुभारंभ करते हुए नीतीश ने कहा कि गांधी जी के विचारों के प्रति लोग खूब आदर का भाव रखते हैं और श्रद्धा प्रकट करते हैं लेकिन धीरे धीरे अब लोग उन्हें देवता की तरह याद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग नहीं चाहते कि उन्हें देवता की तरह कोई पूजने लगे बल्कि हमलोग चाहते हैं उनके विचारों को जनजन तक पहुंचा जाए। इसलिए नई पीढ़ी को गांधी जी के विचारों के प्रति आकर्षित करने की हम लोग कोशिश कर रहे हैं।’’
सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ‘गांधी विचार समागम’ का उद्घाटन करते हुए तथा जल-जीवन-हरियाली अभियान का शुभारंभ करते हुए।https://t.co/PNXZpV6oqu #GandhiJayanti#JalJivanHariyali pic.twitter.com/8rfkQuJ947
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 2, 2019
नीतीश ने कहा, ‘‘हम लोग नई पीढ़ी के लोगों को गांधी जी के विचारों से अवगत कराना चाहते हैं। यदि 10 से 15 प्रतिशत नई पीढ़ी के लोगों में गांधी जी के विचारों के प्रति आकर्षण पैदा हो जाए तो समाज और देश बदल जाएगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू ने सात सामाजिक पापों की चर्चा की है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भवनों में सात सामाजिक पापों को इस तरह से अंकित कराना चाहिए कि वह नष्ट न हों। अगर इन बातों का प्रभाव 5 से 10 प्रतिशत लोगों के मन पर पड़ेगा तो देश और दुनिया बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि कहा कि गांधी जी ने पर्यावरण के प्रति अपने विचार में कहा था कि पृथ्वी सबकी जरुरतों को पूरा करने में सक्षम है लालच को नहीं।
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नीतीश ने कहा,‘‘ पर्यावरण के प्रति उनके संदेशों को अपनाते हुए जल-जीवन-हरियाली अभियान की आज शुरुआत की गयी है। मुझे पूरा भरोसा है कि नई पीढ़ी के लोग गांधी जी के मौलिक विचारों को जरुर अपनाएंगे।’’उन्होंने कहा कि यह अभियान अगले 3 वर्षों तक चलेगा और राज्य सरकार अस पर 24 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसमें पुराने तालाब, आहर, पईन, पोखर और कुओं का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। चापाकल एवं नलकूप के नजदीक सोखता का निर्माण कराया जाएगा ताकि जलस्तर ठीक हो सके।मुख्यमंत्री ने कहा कि गया और राजगीर में गंगा के जल को पहुंचाकर वहां के लोगों के लिए पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम किया जा रहा है। सघन वृक्षारोपण के कार्य को तेजी से किया जाएगा।
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