अयोध्या मामले पर बोले AMU के पूर्व कुलपति, फैसला मुस्लिमों के हक़ में आए तो भी हिंदुओं को दें जमीन
जमीर उद्दीन शाह ने कहा कि अगर मुस्लिमों के पक्ष में भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आता भी है तो देश में शांति कामय करने के लिए मुसलमानों को हिंदू भाइयों को जमीन सौंपनी चाहिए।
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की रोजना सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जारी है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। लेकिन इसको लेकर बयानों का दौर कोर्ट के बाहर भी लगातार जारी है। अयोध्या विवाद पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति और मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बड़े भाई लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) जमीरउद्दीन शाह का बड़ा बयान आया है। जमीरउद्दीन शाह ने कहा कि मुस्लिमों को अयोध्या में विवादित जमीन राम मंदिर के लिए हिन्दू भाइयों को सौंप देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए अयोध्या में विवादित भूमि को 'सद्भावना संकेत' के रूप में राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को सौंप देनी चाहिए। संस्था 'इंडियन मुस्लिम्स फॉर पीस' के बैनर तले देश के तमाम मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने लखनऊ में एक सम्मेलन आयोजित किया। जिसमें जमीरुद्दीन शाह, मशहूर कार्डियोलाजिस्ट पद्मश्री डॉ मंसूर हसन, ब्रिगेडियर अहमद अली, पूर्व आईएएस अनीस अंसारी, रिज़वी, पूर्व आईपीएस पूर्व जज बीडी नकवी, डॉ कौसर उस्मान समेत बड़े पैमाने पर मुस्लिम बुद्धिजीवी शामिल हुए। मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने मांग की कि अयोध्या में विवादित जमीन भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए दे दी जाए।
Lt. Gen (retd) Zameer Uddin Shah: In case judgement is in favour of Muslims, for lasting peace in country, Muslims should hand over the land to Hindu brothers. There has to be a solution otherwise we'll go on fighting. I strongly support out-of-court settlement. 2/2 (10.10) https://t.co/5CDCdM2SLu pic.twitter.com/VTuAxh7jCK
— ANI UP (@ANINewsUP) October 11, 2019
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