पूर्व PM मनमोहन सिंह का बड़ा बयान, कहा- सरकार को आर्थिक मंदी का अहसास नहीं
उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि जो वादे किए गए थे उन पर काम नहीं हो रहा है और इसका कोई संकेत नहीं है कि सरकार के पास कोई वास्तविक कार्य योजना है।
नयी दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर बृहस्पतिवार को चिंता जताते हुए कहा कि खतरनाक बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार को आर्थिक मंदी के बारे में अहसास नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई पार्टी महासचिवों-प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं की बैठक में सिंह ने यह भी कहा कि अगर अर्थव्यवस्था की यही स्थिति बनी रही तो 2024-25 तक देश की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर तक ले जाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य के पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं है।
The country is in midst of protracted slowdown, says Manmohan Singh
— ANI Digital (@ani_digital) September 12, 2019
Read @ANI Story| https://t.co/kHbHVY4bBp pic.twitter.com/M30kQaWDDA
उन्होंने कहा, ‘‘देश इस वक्त गंभीर आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। यह बात सिर्फ कांग्रेस की तरफ से नहीं की जा रही है, बल्कि आप उद्योग जगत या किसी भी क्षेत्र के लोगों से बात करिए तो पता चलेगा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। इस हालात में सबसे खतरनाक चीज है कि सरकार को यह अहसास नहीं है कि आर्थिक मंदी है।’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जीडीपी विकास दर गिरकर पांच फीसदी रह गई है। लगातार पांच तिमाही से विकास दर गिर रही है। 2008 का दौर याद आ रहा है जब वैश्विक मंदी के कारण हमने चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना किया लेकिन हमने उस चुनौती का उपयोग अवसर के तौर पर किया और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया।’’उन्होंने कहा कि आज के समय में चाहे रियल स्टेट की बात हो या फिर कृषि के क्षेत्र की, प्रत्येक क्षेत्र में दिख रही गिरावट के कारण अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही है।
इसे भी पढ़ें: आर्थिक मंदी पर व्यापक विरोध प्रदर्शन की तैयारी में कांग्रेस
सिंह ने कहा, ‘‘ अगर यह स्थिति बनी रही तो इसकी कोई उम्मीद नजर नहीं आती कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा होगा।’ उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि जो वादे किए गए थे उन पर काम नहीं हो रहा है और इसका कोई संकेत नहीं है कि सरकार के पास कोई वास्तविक कार्य योजना है। बैठक में सोनिया के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा पार्टी के कई महासचिव-प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता शामिल हुए।
अगले माह राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
देश में ‘आर्थिक मंदी’ पर चिंता जताते हुए कांग्रेस ने इसके लिये जिम्मेदार सरकार के कदमों के खिलाफ अगले महीने बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को पार्टी महासचिवों-प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों एवं पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती पर चिंता जताई। बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि आर्थिक मंदी को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ सभी राज्यों में 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में यह भी फैसला हुआ कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर दो अक्टूबर को राज्यों के स्तर पर पदयात्रा निकाली जाएगी और बाद में जिला एवं ब्लॉक स्तरों पर भी यात्राएं निकाली जाएंगी। इन यात्राओं के माध्यम से लोगों को बापू की विचारधारा के बारे में रुबरू कराया जाएगा। एक सवाल के जवाब में वेणुगोपाल ने कहा कि दिल्ली में दो अक्टूबर को निकलने वाली पदयात्रा में सोनिया गांधी शामिल हो सकती हैं। कांग्रेस ने यह निर्णय भी किया है कि पार्टी बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान शुरू करेगी जिसमें लोग डिजिटल रूप से भी पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं। सदस्यता अभियान के तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता भी लोगों से संपर्क करेंगे।
अन्य न्यूज़