राज्य सूचना आयोग की बड़ी कार्रवाई, प्रदेश में पहली बार CMHO के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट
CMHO ने RTI के एक अपील प्रकरण में पहले सुनवाई के समय आदेश की लगातार अनदेखी की थी। जिसके बाद में आयोग ने जब दोषी अधिकारी पर 25 हजार के जुर्माने की कार्रवाई की तो जुर्माना वसूलने वाले अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
भोपाल। मध्य प्रदेश के राज्य सूचना आयोग ने बुरहानपुर के तत्कालीन CMHO डॉ. विक्रम सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। वहीं आयोग ने हेल्थ कमिश्नर त्रिपाठी को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए समन भी जारी किया है। गिरफ्तारी वारंट राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जारी किया है।
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दरअसल CMHO ने RTI के एक अपील प्रकरण में पहले सुनवाई के समय आदेश की लगातार अनदेखी की थी। जिसके बाद में आयोग ने जब दोषी अधिकारी पर 25 हजार के जुर्माने की कार्रवाई की तो जुर्माना वसूलने वाले अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
वहीं दिनेश सदाशिव सोनवाने ने बुरहानपुर CMHO डॉक्टर सिंह के पास अक्टूबर 2017 में RTI आवेदन लगाया था। आवेदन में बुरहानपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग में वाहन चालकों की नियुक्ति और पदस्थापना संबंधित जानकारी मांगी थी, लेकिन डॉ. सिंह ने कोई भी जवाब 30 दिन में नहीं दिया।
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आयोग ने 16 दिसंबर 2020 को CMHO डॉ. सिंह पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया और साथ ही कमिश्नर स्वास्थ विभाग को 1 महीने में पेनल्टी की राशि जमा न होने पर डॉ. सिंह के वेतन से काटकर आयोग में जमा करने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर ने हेल्थ कमिश्नर को 27 अगस्त 2021 तक 4 चिट्ठी लिखकर सैलरी में से काटकर आयोग में जमा करने को कहा। लेकिन न तो राशि जमा हुई और न ही वह आयोग के समक्ष हाजिर हुए।
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राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में कहा कि अधिकारी की ओर से जानबूझकर आयोग के आदेश की अवहेलना की गई। उन्होंने ये भी कहा कि आयोग के आदेश के बावजूद कार्रवाई न करने से उनकी नियत साफ झलकती है और यह मध्यप्रदेश RTI फीस अपील नियम का उल्लंघन है।
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वहीं राज्य सूचना आयुक्त सिंह ने गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए DIG इंदौर डिवीजन को निर्देश दिए हैं कि आयोग के वारंट की तामील करा कर दोषी अधिकारी को गिरफ्तार कर आयोग के समक्ष 11 अक्टूबर 2021 को दोपहर 12 बजे हाजिर करें।
इसके साथ हीआयोग ने इस वारंट में कहा है कि अगर डॉ. विक्रम सिंह 5 हजार की जमानत देकर अपने आप को आयोग के समक्ष 11 अक्टूबर की पेशी में हाजिर होने के लिए तैयार है। तब उनसे जमानत की राशि 5 हजार रुपये लेकर उन्हें आयोग के समक्ष हाजिर होने के लिए रिहा कर दिया जाए।
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