बड़े सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान, वित्त मंत्री ने कहा किसी की नौकरी नहीं जायेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएनबी, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के विलय से बनने वाले बैंक के पास 17.95 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा और उसकी 11,437 शाखाएं होंगी।
मोदी सरकार ने देश की सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए आज कई बड़े ऐलान किये। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के उपायों की घोषणा के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के विलय का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि तीनों बैंकों के विलय से यह एसबीआई के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों में नये विलय की ओर इशारा करते हुए कहा कि बड़े बैंकों से कर्ज देने की क्षमता बढ़ती है। उन्होंने बताया कि बैंकों के विलय का किसी भी कर्मचारी की नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा ना ही खाताधारकों की स्थिति पर कोई फर्क पड़ेगा।
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वित्त मंत्री ने कहा कि पीएनबी, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के विलय से बनने वाले बैंक के पास 17.95 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा और उसकी 11,437 शाखाएं होंगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही कैनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक का विलय होगा और इससे 15.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ यह चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा। उन्होंने कहा कि यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक के विलय से देश का 5वां बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा जिसका कुल कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपये का होगा। उन्होंने जानकारी दी कि इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के विलय से 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ यह सार्वजनिक क्षेत्र का 7वां बड़ा बैंक बनेगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने घोषणा की कि बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप बने रहेंगे।
LIVE: Press Conference by Union Finance and Corporate Affairs Minister @nsitharaman
— PIB India (@PIB_India) August 30, 2019
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आज की प्रेस वार्ता के कुछ महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं-
-एनबीएफसी कंपनियों के लिए आंशिक ऋण गारंटी योजना लागू; 3,300 करोड़ रुपये का पूंजी समर्थन दिया गया है और 30,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी है: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।
-बैंकों के वाणिज्यिक फैसलों में सरकार का कोई दखल नहीं: सीतारमण
-नीरव मोदी जैसी धोखाधड़ी रोकने के लिये स्विफ्ट संदेशों को कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है: वित्त मंत्री।
-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया: सीतारमण
-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार से लाभ दिखने लगा है क्योंकि 2019-20 की पहली तिमाही में उनमें 14 बैंकों ने मुनाफा दर्ज किया है: सीतारमण
In place of fragmented lending capacity with 27 PSBs in 2017, now 12 #PSBs post consolidation. बड़े बैंक अब अपना लक्ष्य रखेंगे global मार्केट पर, मँझले बैंक बनेंगे राष्ट्रीय स्तर के और कुछ बैंक स्थानीय नेतृत्व करेंगे। @PMOIndia @FinMinIndia @PIB_India #PSBsFor5TrillionEconomy pic.twitter.com/Z4dcyZOG5f
— Rajeev kumar (@rajeevkumr) August 30, 2019
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