बिहार में कोविड-19 से मौत का पहला मामला, कतर से लौटे व्यक्ति ने पटना के एम्स में दम तोड़ा
यह मरीज एक महिला है और हाल ही में इटली से लौटी है। इस बीच, आरएमआरआई निदेशक डा प्रदीप दास ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से अभी तक कोरोना वायरस के 129 संदिग्ध मरीजों के नमूने जांच के लिए आए हैं जिनमें से 88 की जांच हो चुकी है।
पटना। पटना शहर स्थित एम्स में कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीजकी मौत हो गयी। राज्य में कोविड-19 से मौत का यह पहला मामला है। बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने रविवार को बताया कि पटना एम्स में कोराना वायरस से संक्रमित एक मरीज की कल सुबह मौत हो गई। उन्होंने बताया कि एम्स में भर्ती कोरोना वायरस संक्रमित एक अन्य मरीज को पृथक रखा गया है।
यह मरीज एक महिला है और हाल ही में इटली से लौटी है। इस बीच, आरएमआरआई निदेशक डा प्रदीप दास ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से अभी तक कोरोना वायरस के 129 संदिग्ध मरीजों के नमूने जांच के लिए आए हैं जिनमें से 88 की जांच हो चुकी है। जांच में दो व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। दोनों मामले पटना स्थित एम्स के हैं और इनमें से एक की मृत्यु हो चुकी है। बाकी नमूनों की जांच की जा रही है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि जिस मरीज की शनिवार को मौत हुई है, उसके बारे में पता लगाया जा रहा है कि पटना एम्स में भर्ती होने से पहले उसने कहां—कहां इलाज कराया और किन-किन लोगों के संपर्क में रहा।
पटना एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि 38 वर्षीय यह मरीज कतर से आया था और उसके गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया था। बिहार के मुंगेर जिला निवासी इस मरीज को गत 20 मार्च को पटना एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। पटना एम्स के अधीक्षक डॉ. सी एम सिंह ने बताया कि उक्त मरीज के नमूनों को जांच के लिए 20 मार्च को ही आरएमआरआई भेजा गया था पर जांच रिपोर्ट उसकी मौत के बाद कल शाम को प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि पटना एम्स में वर्तमान में कोरोना वायरस के संदिग्ध छह मरीज भर्ती है जिनकी जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। जिस मरीज की कल मौत हुई, उसकी रिपोर्ट आने से पहले ही, पटना एम्स प्रशासन द्वारा उसके शव को परिजनों को सौंप दिये जाने के बार में पूछने पर पटना एम्स के उपाधीक्षक डॉ. योगेश कुमार ने बताया कि पूर्व में निर्धारित मानक के अनुसार शव को अंतिम संस्कार के लिए मृतक के परिजनों को सौंपा गया था। उन्होंने बताया कि उक्त मरीज का इलाज कर रहे सभी अस्पताल कर्मियों की जांच करवाये जाने के साथ नए मानक के तहत कोरोना वायरस संदिग्ध मरीजों के लिए अलग-अलग कमरे की व्यवस्था की गयी है।
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