अहंकार में थी धामी सरकार, रावत बोले- चुनावों में हार के डर से भंग किया देवस्थानम बोर्ड
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि ये फैसला आने वाले चुनाव में हार से भयभीत सरकार का फैसला है। जिस दिन देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था उस दिन ही कांग्रेस ने विधानसभा में और नेताओं ने बाहर इसका विरोध किया और कहा कि ये हमारी परंपरा और संस्कृति के खिलाफ़ है।
देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को अपनी हार स्पष्ट दिखाई दे रही थी। इसी वजह से उन्होंने देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने का फैसला किया है। दरअसल, धामी सरकार ने मंगलवार को अस्तित्व में आने के ठीक दो साल बाद विवादास्पद चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग कर दिया।
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इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।
हार के डर से भंग किया देवस्थानम बोर्ड
इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का बयान सामने आया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस नेता ने कहा कि ये फैसला आने वाले चुनाव में हार से भयभीत सरकार का फैसला है। जिस दिन देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था उस दिन ही कांग्रेस ने विधानसभा में और नेताओं ने बाहर इसका विरोध किया और कहा कि ये हमारी परंपरा और संस्कृति के खिलाफ़ है।
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उन्होंने कहा कि उस समय सरकार अपने अंहकार में थी। जब उन्हें लगा कि इससे जनमत खिलाफ हो रहा है और सरकार को अपनी हार स्पष्ट दिखाई देने लगी तो उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला किया है।
देव स्थान हमारे लिए सर्वोपरि रहे हैं। आस्था के इन केन्द्रों में सदियों से चली आ रही परम्परागत व्यवस्था का हम सम्मान करते हैं, गहन विचार-विमर्श और सर्वराय के बाद हमारी सरकार ने देवस्थानम् बोर्ड अधिनियम वापस लेने का निर्णय लिया है। @narendramodi@JPNadda@BJP4UK pic.twitter.com/yREo6XHEzb
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 30, 2021
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