क्या तलाक के बाद पिता का बच्चे पर नहीं होगा कोई हक? हाई कोर्ट का बड़ा आदेश
तलाकशुदा पति ने अपने 12 साल के बेटे से मिलने की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी और न्यायमूर्ति बी. वीरप्पा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चेन्नई में सनुवाई करते हुए कहा कि, आज के सदी के बच्चे ज्याजा समझदार है और उन्हें अपने माता-पिता को सलाह देने की क्षमता है।
एक तलाकशुदा पिता को मां ने अपने बच्चे से मिलने के लिए मना कर दिया जिसके बाद मामला अदालत तक पहुंच गया। कर्नाटक हाई कोर्ट ने मां से सवाल करते हुए पूछा कि , वह अपने पति को बच्चे से मिलने से क्यों रोक रही है? सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि, माता-पिता का तलाक होता है और दोनों से ही बच्चे का जन्म होता है तो पिता को अपने बच्चे से मिलने के लिए क्यों रोका जा रहा हैं? बता दें कि, तलाकशुदा पति ने अपने 12 साल के बेटे से मिलने की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी और न्यायमूर्ति बी. वीरप्पा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चेन्नई में सनुवाई करते हुए कहा कि, आज के सदी के बच्चे ज्याजा समझदार है और उन्हें अपने माता-पिता को सलाह देने की क्षमता है।
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पिता के वकील ने कोर्ट में बताया था कि, मां अपने बच्चे को पिता से मिलने नहीं दे रही है वहीं मां के वकील ने अपनी सफाई में कहा कि, बच्चे के एग्जाम शुरू होने वाले है और अगर वह पिता से मिलता है तो उससे उसकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा। इस तर्क से पीठ सहमत नहीं हुई जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि, आजकल के बच्चे ज्यादा समझदार है और ऐसे बयान का कोई मतलब नहीं है। पीठ ने आगे कहा कि, बच्चा अपनी आधी सर्दी और गर्मी की छुट्टियां अपने पिता के साथ बिता सकता है। मां के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि, बच्चे का पिता शादी शुदा है और एक बच्चा भी है। इस बात पर पीठ ने 24 नवंबर को बेटे को कोर्ट में लाने का आदेश दिया है जिसमें कहा है कि, देखते हैं कि बच्चा अपने पिता से मिलने के बारे में क्या सोचता है।
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