फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में के चुनाव की मांग, बोले- चुनी हुई सरकार ही खत्म कर सकती है लोगों की मुश्किलें

farooq abdullah
ANI
अंकित सिंह । Jun 7 2022 4:18PM

फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि यह जनता की सरकार नहीं है। यह नौकरशाही है। जब तक चुनी हुई सरकार नहीं होगी, तब तक लोगों की समस्याएं कभी खत्म नहीं होंगी। फारूक अब्दुल्ला ने जोर दिया कि इसलिए आवश्यक है कि राज्य में चुनाव कराया जाए ताकि लोग मतदान कर सके और अपनी पसंद की सरकार को सत्ता में ला सकें।

जम्मू कश्मीर में इन दिनों टारगेट किलिंग के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद आतंकवादियों ने अपने आतंकी के तरीकों में बदलाव किया है। अब हाइब्रिड आतंकवाद के जरिए आम नागरिक को निशाना बनाया जा रहा है। इन सबके बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने राज्य में चुनाव में मांग कर दी है। फारूक अब्दुल्ला ने साफ तौर पर कहा है कि जम्मू कश्मीर के लोगों को एक निर्वाचित सरकार मिलनी चाहिए क्योंकि वही लोगों की समस्याओं का हल कर सकती है। फारूक अब्दुल्ला ने साफ तौर पर कहा कि जम्मू कश्मीर में चुनाव होना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में हुए ‘IED’ हमले के सिलसिले में चार लोग गिरफ्तार

सरकार पर हमला करते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि यह जनता की सरकार नहीं है। यह नौकरशाही है। जब तक चुनी हुई सरकार नहीं होगी, तब तक लोगों की समस्याएं कभी खत्म नहीं होंगी। फारूक अब्दुल्ला ने जोर दिया कि इसलिए आवश्यक है कि राज्य में चुनाव कराया जाए ताकि लोग मतदान कर सके और अपनी पसंद की सरकार को सत्ता में ला सकें। इतना ही नहीं, जम्मू कश्मीर में हाल में घटित हुई टारगेट किलिंग की घटनाओं को भी फारूक अब्दुल्ला ने चिंताजनक बताया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आतंकवाद के लिए अनुच्छेद 370 जिम्मेदार है। दरअसल 370 हटाने के बाद फारूक अब्दुल्ला लगातार इसका विरोध करते रहे हैं। 

इसे भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी सहित दो आतंकवादी ढेर

इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला भी लगातार 370 के खत्म होने के खिलाफ बोलते रहे हैं। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी 370 के खत्म करने का विरोध कर रही है। फारूक अब्दुल्ला ने पूछा कि पांच अगस्त 2019 को इसे निरस्त कर दिये जाने के बाद फिर घाटी में आतंकवाद कैसे बढ़ गया? इसलिये अनुच्छेद 370 इसके लिये जिम्मेदार नहीं था। स्थिति खतरनाक है और इसका असर देश पर हो रहा है। यह चिंता का विषय है। श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर हमलों के बाद उनके बीच सुरक्षा की भावना पैदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वह यहां रूकें और जब तक उनके मन में यह भावना पैदा नहीं होती कि वह यहां सुरक्षित हैं, तब तक वह यहां से पलायन करते रहेंगे।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़