हरियाणा: सरकार के हस्तक्षेप के बाद किसानों ने प्रदर्शन समाप्त किया

Farmers Protest
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हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार द्वारा 22 क्विंटल के बजाय 30 क्विंटल धान प्रति एकड़ की खरीद पर विचार करने को लेकर सहमति जताने के बाद प्रदर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया गया।

सरकार द्वारा प्रति एकड़ सामान्य से अधिक खरीफ फसल की खरीद का आश्वासन दिए जाने के बाद किसानों ने शनिवार की सुबह अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। सरकार से धान की खरीद तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर, हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी)की अगुवाई में किसानों ने शुक्रवार को शाहाबाद के समीप दिल्ली और चंडीगढ़ को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को जाम कर दिया था। हरियाणा में धान समेत खरीफ फसलों की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी।

हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार द्वारा 22 क्विंटल के बजाय 30 क्विंटल धान प्रति एकड़ की खरीद पर विचार करने को लेकर सहमति जताने के बाद प्रदर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारी एक अक्टूबर से खरीद शुरू होने तक किसानों द्वारा मंडियों में लाई जाने वाली फसलों का प्रबंधन करेंगे। कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा ने पुष्टि की कि किसानों ने नाकेबंदी हटा ली है।

किसानों के प्रदर्शन के कारण शुक्रवार को राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। एक स्थानीय अधिवक्ता ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर सरकार को वाहनों की सुचारू ढंग से आवाजाही को सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। आधी रात को हुई सुनवाई में न्यायाधीश ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह और न्यायाधीश आलोक जैन की पीठ ने इस सिलसिले में सरकार को निर्देश दिए थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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