मशहूर शायर डॉ. राहत इंदौरी का निधन, जानिए उनके जीवन से जुड़ी खास बातें
अलग अंदाज से शायरी करने वाले इंदौरी ने बेबाक तरीके से देश के मसलों पर शायरी की थी। वह राजनीतिक दलों को अपनी शायरी के द्वारा कटघरे में खड़ा करते थे। वह एक पेंटर भी थे लेकिन शायरी करने की वजह से पेंटिग बहुत ही कम करते थे। उन्होंने इंदौर शहर में एक साइन-चित्रकार के रूप में 10 साल से भी कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था।
भोपाल। मशहूर शायर राहत इंदौरी का मंगलवार को इंदौर के अरविंदो अस्पताल में निधन हो गया। राहत इंदौरी की एक दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी सूचना दी थी। उन्हें कोविड चिन्हित अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। राहत इंदौरी ने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी देने के साथ ही उनके घर वालों को फोन कर परेशान न करने की भी बात कही थी उन्होनें अपने ट्वीट में लिखा था कि- “ कोविड के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। अरविदों हॉस्पिटल में एडमिट हूँ दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूँ एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन ना करें, मेरी ख़ैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी।”
राहत इंदौरी 70 साल के थे और वह 50 साल से शायरी कर रहे थे। राहत इंदौरी का जन्म इंदौर में 1 जनवरी 1950 में कपड़ा मिल के कर्मचारी रफ्तुल्लाह कुरैशी और मकबूल उन निशा बेगम के यहाँ हुआ था। वे उन दोनों की चौथी संतान थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया। 1985 में भोपाल स्थित प्रदेश के मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
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अलग अंदाज से शायरी करने वाले इंदौरी ने बेबाक तरीके से देश के मसलों पर शायरी की थी। वह राजनीतिक दलों को अपनी शायरी के द्वारा कटघरे में खड़ा करते थे। वह एक पेंटर भी थे लेकिन शायरी करने की वजह से पेंटिग बहुत ही कम करते थे। उन्होंने इंदौर शहर में एक साइन-चित्रकार के रूप में 10 साल से भी कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। चित्रकारी उनकी रुचि के क्षेत्रों में से एक थी और बहुत जल्द ही बहुत नाम अर्जित किया था। वह कुछ ही समय में इंदौर के व्यस्ततम साइनबोर्ड चित्रकार बन गए। क्योंकि उनकी प्रतिभा, असाधारण डिज़ाइन कौशल, शानदार रंग भावना और कल्पना की थी और इसलिए वह प्रसिद्ध भी हुए। यह भी एक दौर था कि ग्राहकों को राहत द्वारा चित्रित बोर्डों को पाने के लिए महीनों का इंतजार करना भी स्वीकार था। यहाँ की दुकानों के लिए किया गया पेंट कई साइनबोर्ड्स पर इंदौर में आज भी देखा जा सकता है।
राहत इंदौरी के निधन के बाद अस्पताल ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट की वजह से राहत इंदौरी का निधन हुआ। डॉक्टर विनोद भंडारी और रवि डोसी के अनुसार उन्हें लगातार तीन हार्ट अटैक आए थे। उन्हें 60 प्रतिशत निमोनिया भी था। उनके बेटे सतलज़ ने उनके निधन की जानकारी देते हुए बताया कि शाम पांच बजे के करीब हृदयगति रुकने से उनका निधन हो गया।
अपनी शायरी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर, हरदिल अज़ीज़ श्री राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों और चाहने वालों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दें।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 11, 2020
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