प्रश्नकाल में मंत्रियों की अनुपस्थिति पर अप्रसन्नता जतायी
राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान विचित्र स्थिति देखने को मिली जब कई मंत्री अपने मंत्रालय से जुड़े पूरक सवालों का जवाब देने के लिए सदन में मौजूद नहीं थे।
राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान विचित्र स्थिति देखने को मिली जब कई मंत्री अपने मंत्रालय से जुड़े पूरक सवालों का जवाब देने के लिए सदन में मौजूद नहीं थे। इस स्थिति पर सभापति हामिद अंसारी ने जहां अप्रसन्नता जतायी वहीं विपक्ष ने सरकार से चुटकी ली। प्रश्नकाल में कुछ मिनटों का ही समय बचा था और संजीव बालियान ने जल संसाधन और नदी विकास मंत्रालय से जुड़े पूरक सवालों का जवाब दिया। इस सवाल के समाप्त होने के बाद सभापति ने अगला प्रश्न (संख्या 188) पूछने को कहा। यह सवाल और इसके बाद अगला सवाल यमुना जल टैक्सी परियोजना से जुड़ा था जो पोत परिवहन मंत्रालय का था। लेकिन सदन में न तो संबंधित मंत्री ही मौजूद थे और न ही वह सदस्य मौजूद थे जिनका प्रश्न था।
अंसारी ने इस स्थिति को असाधारण स्थिति बताया। इसके बाद अंसारी ने अगला सवाल (प्रश्न संख्या 189) पूछने को कहा जो पर्यावरण मंत्रालय से जुड़ा था। लेकिन इस बार भी सवाल का जवाब देने के लिए सरकार की ओर से कोई मंत्री मौजूद नहीं था। इसी दौरान कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने सदन में किसी कैबिनेट मंत्री के नहीं होने का जिक्र किया और सरकार पर निशाना साधा। उस समय निर्मला सीतारमण, रामकृपाल यादव और संजीव बालियान ही आगे की सीटों पर बैठे दिखे। इसका अगला सवाल यानी प्रश्न संख्या 190 बिजली मंत्रालय का था और इसमें भी यही स्थिति रही। सभापति ने अप्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी स्थिति नहीं है।
केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने इसके बाद के सवाल यानी प्रश्न संख्या 191 का जवाब सभापटल पर रखा। लेकिन तब तक प्रश्नकाल का समय पूरा हो गया था और इस पर पूरक सवाल नहीं पूछे जा सके। बाद में भोजनावकाश के बाद बैठक शुरू होने पर कांग्रेस के जयराम रमेश ने फिर यह मुद्दा उठाया। लेकिन उपसभापति पीजे कुरियन ने इसकी अनुमति नहीं दी।
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