जैत में स्थानीय लोगों के लिए आज भी ‘‘भैया’’ हैं शिवराज सिंह चौहान

even-today-for-the-locals-bhaiya-is-shivraj-singh-chauhan
[email protected] । Nov 25 2018 3:00PM

घरेलू सहायक हरिओम यादव ने बताया कि घर में रहने वाले मुख्यमंत्री के भाई नरेन्द्र सिंह, उनकी पत्नी और अन्य लोग प्रचार अभियान संबंधी काम के लिए बुधनी से बाहर गए हुए हैं।

जैत (बुधनी)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दुनिया भले ही ‘‘मामा’’ के नाम से जानती हो लेकिन राज्य में उनका पैतृक गांव एक ऐसा स्थान है जहां स्थानीय लोग उन्हें आज भी ‘‘भैया’’ बुलाते हैं। राजधानी भोपाल से करीब 86 किलोमीटर दूर नर्मदा के तट पर स्थित जैत राज्य राजमार्ग संख्या 15 के जरिए चौहान के निर्वाचन क्षेत्र बुधनी से जुड़ता है। धान के खेतों के बीच 3.5 किलोमीटर धूल भरे रास्ते पर चल आप मुख्यमंत्री के घर के दरवाजे पर पहुंचते हैं, जहां चौहान का विशाल बैनर आपका स्वागत करता है, जिसमें वह हाथ जोड़े दिख रहे हैं। 

घरेलू सहायक हरिओम यादव ने बताया कि घर में रहने वाले मुख्यमंत्री के भाई नरेन्द्र सिंह, उनकी पत्नी और अन्य लोग प्रचार अभियान संबंधी काम के लिए बुधनी से बाहर गए हुए हैं। यादव ने कहा, ‘‘वे शाम तक घर लौट आएंगे।’’ गांव में रहने वाले 67 वर्षीय भगवान दास ने कहा, ‘‘वह (चौहान) हमारे भैया हैं। गांववाले उन्हें प्यार से यही (भैया) बुलाते हैं। पूरा राज्य भले ही उन्हें ‘‘मामा’’ बोलता हो लेकिन स्थानीय लोगों के दिल में उनके लिए एक विशेष स्थान है, जो उनके दिल में भी हमारे लिए है।’’ 

गांव में करीब 260 परिवार रहते हैं और 20,000 से भी कम मतदाता हैं। गांव के दर्जी संतोष नामदेव ने बताया कि भैया यह सुनिश्चित करते हैं कि वह साल में दो बार ‘दूज’ के त्यौहार पर घर आएं। 

उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने चुनाव के दौरान चौहान के परिवार के सदस्यों और अन्य के साथ निकटवर्ती गांवों में जाकर प्रचार करने का बीड़ा भी उठाया है। नर्मदा के तट पर काम कर रही इमरती देवी ने बताया कि चौहान हर परेशानी में गांववालों की मदद करते हैं।

चौहान नामांकन दाखिल करने से पहले पांच नवम्बर को अपने कुल देवता के दर्शन करने यहां पहुंचे थे। वर्ष 1990 में वह पहली बार बुधनी से चुनाव जीते थे। वह पांचवी बार बुधनी से मैदान में उतर रहे हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़