राज्यसभा चुनाव में निर्दलीयों की एंट्री ने मुकाबले को रोचक बनाया, इन तीन राज्यों में दिख रही कांटे की टक्कर
वैसे तो राज्यसभा चुनाव आंकड़ों का खेल है, जिसके विधायकों की संख्या ज्यादा उसके उम्मीदवारों के विजेता होने की संभावनाएं उतनी ही प्रबल होती है। लेकिन हॉर्स ट्रेडिंग और पार्टी में फूट का असर भी इस चुनाव के परिणामों पर खासा असर डालता आया है।
15 राज्यों की 57 सीटों पर 10 जून को वोटिंग होनी है। नतीजे भी उसी दिन मिल जाएंगे। 31 मई को नामांकन का आखिरी दिन था और इसके साथ ही राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गई। हालांकि अभी भी 3 जून तक उम्मीदवारी से नाम वापस लिया जा सकता है। वैसे तो राज्यसभा चुनाव आंकड़ों का खेल है, जिसके विधायकों की संख्या ज्यादा उसके उम्मीदवारों के विजेता होने की संभावनाएं उतनी ही प्रबल होती है। लेकिन हॉर्स ट्रेडिंग और पार्टी में फूट का असर भी इस चुनाव के परिणामों पर खासा असर डालता आया है। वैसे तो 15 राज्यों में से अधिकतर सीटों पर उम्मीदवारों के जीतने की संभावना आंकड़ों के हिसाब से एकदम मुफीद है। लेकिन कुछ सीटों पर मामला फंस सकता है। ऐसे में आइए उन राज्यों के बारे में जानते हैं जहां की सीटों पर मामला फंस सकता है।
इसे भी पढ़ें: झामुमो उम्मीदवार महुआ माजी ने राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया
कर्नाटक में भी मुकाबला दिलचस्प
कर्नाटक में चार राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी। यहीं से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दूसरे कार्यकाल के लिए जबकि अभिनेता से राजनेता बने जग्गेश राज्यसभा के नामांकन किया है। इसके साथ ही बीजेपी ने तीसरे उम्मीदवार के तौर पर निर्वतमान एमएलसी लहर सिंह सिकोया को उतारा है। जनता दल सेक्युलर से डी कुपेंद्र रेड्डी को उम्मीदवार बनाया गया है। कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और कर्नाटक प्रदेश महासचिव मंसूर अली खान को उम्मीदवार बनाया है।
इसे भी पढ़ें: राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस में घमासान, सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद से की बात
सुभाष चन्द्रा को बीजेपी का साथ, राजस्थान में होगी टक्कर
सुभाष चंद्रा हरियाणा से निर्दलीय राज्यसभा सांसद हैं और अब उनका कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। लेकिन इस बार हरियाणा का नंबर गेम उनके पक्ष में नहीं है। जिसके बाद सुभाष चंद्रा ने राजस्थान से बीजेपी से राज्यसभा चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है। राजस्थान के मौजूदा संख्याबल के हिसाब से बीजेपी केवल एक सीट पर जीत रही है। वहीं दूसरी सीट पाने के लिए उसे 11 वोट की दरकार है। बीजेपी ने एक पक्की सीट के लिए घनश्याम तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के पास तीन में से दो सीट पर पार्टी का बहुमत है, तीसरी सीट जीतने के लिए काग्रेस को निर्दलीय और सहयोगी दलों के समर्थन की जरुरत होगी। बीजेपी के पास दूसरी सीट के लिए 30 अतरिक्त वोट हैं। ऐसे में ये सीट ये सीट निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को जीतने के लिए बीजेपी के तीस वोट के अतिरिक्त 11 वोटों की जरूरत होगी। यानी कुल 41 वोट सुभाष चंद्रा को जीतने के लिए चाहिए।
हरियाणा से कार्तिकेय शर्मा ने बढ़ाई माकन की परेशानी
हरियाणा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर रहे कार्तिकेय शर्मा का भाजपा ने समर्थन करने का ऐलान किया है। हरियाणा में भाजपा के सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने भी शर्मा की उम्मीदवारी का समर्थन करने की घोषणा की है। हरियाणा में किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए 31 वोटों की जरूरत है। बीजेपी के पास 41 विधायक हैं और सहयोगी जेजेपी के 10 विधायकों का समर्थन भी हासिल है। बीजेपी की तरफ से पहले ही कृष्ण लाल पंवार नामांकन कर चुके थे, वहीं कांग्रेस ने अजय माकन को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं और जीत के लिए सभी का समर्थन जरूरी है, ऐसे में अगर एक भी विधायक छिटका तो राज्यसभा सीट सीधे कार्तिकेय शर्मा की झोली में गिरेगी।
अन्य न्यूज़