भोपाल स्थित मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की हड़ताल, कुलपति पर तानाशाही के आरोप
जबकि विश्वविद्यालय के कर्मचारीयों द्वारा पिछले सप्ताह किए गए आंदोलन के बाद कुलपति ने वादा किया था, लेकिन वह अपनी ही बात से मुकर गये जिसके चलते एक बार फिर कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ी है और विश्वविद्यालय के काम काज ठप्प हो गया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कर्मचारीयों ने बुधवार को सातवें वेतमान का लाभ न मिलने के चलते आंदोलन किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के नियमित कर्मचारियों ने कुलपति जयंत सोनवलकर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन पर वादा खिलाफी के आरोप लगाए। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने बताया कि दो साल पहले बोर्ड की बैठक में सातवां वेतनमान स्वीकृत होने के बाद भी आज तक कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पाने के कारण दो सप्ताह पहले आंदोलन किया गया था। सात दिन आंदोलन चलने के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि मैं एक सप्ताह में सातवें वेतनमान के आदेश जारी करवा दूँगा। लेकिन कर्मचारियों से किए गये वादे के दो सप्ताह बीतने के बाद भी आज तक सातवें वेतनमान के आदेश जारी नहीं हुए है। जिसके चलते मजबूरन कर्मचारियों को काम बंद कर आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी है।
इसे भी पढ़ें: भोपाल में अगली महापौर पिछड़ा वर्ग महिला होगी, प्रदेश की 407 नगरीय निकायों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी
जबकि विश्वविद्यालय कुल सचिव द्वारा सातवें वेतनमान की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी कर चुके है और यही नहीं प्रबंधक बोर्ड की बैठक में दो वर्ष पूर्व ही वह स्वीकृत हो चुका है। लेकिन कुलपित द्वारा लगातार इस विषय पर ढील बरती जा रही है और इसे कुलपित स्वीकृति प्रदान नहीं कर रहे है। जिसके चलते विश्वविद्यालय के कर्मचारीयों में भारी आक्रोशित हैं ।वही जब कुलपति से इस विषय में बात की जाती है तो वह कर्मचारियों से कहते है कि जब वो विश्वविद्यालय से जायेंगे तब सातवाँ वेतनमान देकर जायेंगे। यही नहीं कुलपति के इस व्यवहार को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।जबकि कर्मचारियों को सातवाँ वेतनमान दिये जाने के निर्देश उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी दे चुके हैं। उसके बावजूद कुलपति चुप्पी साधे बैठे हुए है और तानाशाही रवैया अपना रहे है। जबकि विश्वविद्यालय के कर्मचारीयों द्वारा पिछले सप्ताह किए गए आंदोलन के बाद कुलपति ने वादा किया था, लेकिन वह अपनी ही बात से मुकर गये जिसके चलते एक बार फिर कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ी है और विश्वविद्यालय के काम काज ठप्प हो गया है।
इसे भी पढ़ें: अनुसूचित जनजाति के विरोधी हैं कांग्रेस और कमलनाथः विष्णुदत्त शर्मा
वही बुधवार को विश्वविद्यालय के कर्मचारीयों ने कुलपति के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका विरोध किया। भोज विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल भार्गव ने बताया कि कर्मचारियों की दिन रात मेहनत के कारण आज विश्वविद्यालय खडा है और कुलपति विश्वविद्यालय की आय से अपनी सुविधाओं में कोई कमी नहीं कर रहे हैं लेकिन कर्मचारियों को उनका हक और अधिकार नहीं दे रहे जबकि भोज विश्वविद्यालय को छोड़कर अन्य सभी विश्वविद्यालयों के नियमित कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ मिल चुका है। इस दौरान आंदोलन को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेता रमेश राठौर ने कहा है कि जिस कुलपति के 80 लाख घोटाले की जाँच सीबीआई कर रही है, कुलपति की PHD में भी विवाद है वो कुलपति की योग्यता पूरी नहीं करते हैं ऐसे कुलपति को हटाया जाना चाहिये । बुधवार को हुए आंदोलन को कर्मचारी नेता चन्द्र शेखर परसाई, अनिल वाजपेयी, गजेन्द्र कोठारी, ओ पी कटियार, श्यामसुंदर शर्मा ने संबोधित किया।
अन्य न्यूज़