Elgar Parishad Case : वरवर राव की जमानत तीन मार्च तक बढ़ी
शनिवार को राव के वकील ने न्यायमूर्ति एस. बी. शुक्रे और न्यायमूर्ति ए. एम. बोरकर की खंडपीठ के समक्ष जमानत अवधि बढ़ाने को लेकर नई याचिका का उल्लेख किया था। राव ने अपनी अर्जी में कहा है कि चिकित्सा रिपोर्ट के अनुसार, उनमें बिना लक्षण वाला
मुंबई, बंबई उच्च न्यायालय ने शनिवार को एल्गार परिषद- माओवादी संपर्क मामले के अभियुक्त कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव को चिकित्सा कारणों से मिली जमानत तीन मार्च तक के लिए बढ़ा दी। राव (82) को स्वास्थ्य कारणों से पहली बार गत वर्ष फरवरी में उच्च न्यायालय से छह माह के लिए जमानत मिली थी। उनसे मुंबई नहीं छोड़ने को कहा गया था। इसके बाद उन्होंने जमानत अवधि बढ़ाने के लिए अर्जी दाखिल की थी और बाद में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर स्थायी जमानत के लिए याचिका दायर की थी। अदालत पिछले साल सितंबर से उन्हें दी गई जमानत की अवधि बढ़ाती रही है।
शनिवार को राव के वकील ने न्यायमूर्ति एस. बी. शुक्रे और न्यायमूर्ति ए. एम. बोरकर की खंडपीठ के समक्ष जमानत अवधि बढ़ाने को लेकर नई याचिका का उल्लेख किया था। राव ने अपनी अर्जी में कहा है कि चिकित्सा रिपोर्ट के अनुसार, उनमें बिना लक्षण वाला पार्किंसन रोग है और वह तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारियों और गंभीर पेट दर्द की शिकायत से जूझ रहे हैं, जिससे ऐसा लगता है कि उन्हें हर्निया की बीमारी है।
राव ने मुंबई न छोड़ने संबंधी जमानत की शर्त में संशोधन की भी मांग की और कहा कि उन्हें अपने मूल राज्य तेलंगाना लौटने की अनुमति दी जाए। अदालत ने कहा कि वह एक मार्च को आवेदन पर सुनवाई करेगी और इसके साथ ही उसने राव के आत्मसमर्पण की छूट तीन मार्च तक बढ़ा दी।
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