चुनावी हार के बाद कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी, ममता बनर्जी का भाजपा विरोधी गठबंधन पर जोर

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विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस में शुक्रवार को एक-दूसरे पर दोष मढ़ना शुरू हो गया। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन पर जोर दिया।

नयी दिल्ली। विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस में शुक्रवार को एक-दूसरे पर दोष मढ़ना शुरू हो गया। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन पर जोर दिया। उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी समेत तीन अन्य राज्यों में भाजपा के सत्ता बरकरार रखने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला। चुनावी जीत से भाजपा की स्थिति मजबूत होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात के अहमदाबाद में एक रोड शो किया। इस दौरान उनकी खुली कार को फूल मालाओं से सजाया गया था। उन्होंने हवाई अड्डा से कमलम स्थित राज्य भाजपा मुख्यालय तक की 10 किलोमीटर की दूरी तय की।

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गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। मोदी ने चार राज्यों में भाजपा के प्रभावशाली प्रदर्शन का श्रेय उन लोगों को दिया, जिन्होंने विकास के लिए मतदान किया। उन्होंने कहा कि चारों राज्यों के मतदाताओं को अब एहसास हो गया है कि सरकारें विकास करने के लिए चुनी जाती हैं। प्रधानमंत्री अहमदाबाद में पंचायत महासम्मेलन में गुजरात की पंचायती राज संस्थाओं के एक लाख से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। उधर, पंजाब में कांग्रेस और अकाली दल जैसी परंपरागत दलों को तीन-चौथाई बहुमत से पछाड़ने के बाद ‘आप’ फिलहाल वहां सरकार गठन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। आम आदमी पार्टी (आप) की नजर राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाने पर है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि भगवंत मान 16 मार्च को स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पैतृक गांव खटकर कलां में पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। मान ने राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की।

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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के लिए अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल की सत्ता विरोधी लहर को जिम्मेदार ठहराने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व कभी नहीं सीखेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने के बाद अमरिंदर ने कांग्रेस छोड़ दिया था और अपनी नयी पार्टी बना ली। पंजाब लोक कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर ने कांग्रेस से सवाल कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में उसकी हार के लिए कौन जिम्मेदार है। सिंह ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर दीवार पर मोटे अक्षरों में लिखा है, लेकिन हमेशा की तरह मुझे लगता है कि वे इसे पढ़ने से बचेंगे। सिंह की टिप्पणी कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के यह कहने के एक दिन बाद आई कि पंजाब में भले ही पार्टी ने एक शालीन और जमीनी नेतृत्व प्रस्तुत किया, लेकिन यह अमरिंदर सिंह सरकार की साढ़े चार साल की सत्ता-विरोधी लहर को दूर करने में विफल रही। ‘समूह-23’ के कुछ नेता, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाया था और संगठनात्मक सुधार की मांग की थी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर मिले। आजाद के आवास पर मिलने वाले नेताओं में पार्टी सांसद कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी भी शामिल थे। सूत्रों ने कहा कि नेता चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति तैयार करेंगे।

पार्टी के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए जल्द ही पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा बुलाई जाने वाली कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक से पहले पार्टी नेताओं की यह मंत्रणा हुई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन पर जोर देते हुए क्षेत्रीय दलों से संपर्क किया और कहा कि कांग्रेस की प्रतीक्षा करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि उसमें अब वह बात नहीं रही। ममता ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सभी राजनीतिक दल जो भाजपा का मुकाबला करना चाहते हैं, उन्हें मिलकर काम करना चाहिए। कांग्रेस पर निर्भर रहने का कोई मतलब नहीं है।’’ ममता ने कहा कि कांग्रेस पहले जीतने में सक्षम थी, क्योंकि उसके पास एक संगठन था। ममता ने कहा कि अब वे हर जगह हार रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि वे अब जीतने में रुचि रखते हैं। ममता ने कुछ भाजपा नेताओं के उस दावे को खारिज कर दिया कि चार राज्यों में भगवा पार्टी की जीत 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर जनता के रुख को दर्शाती है। इस बीच, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजों का अगले लोकसभा चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

किशोर की टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी के बयान के एक दिन बाद आई है। मोदी ने कहा था कि राजनीतिक पंडित गौर करेंगे कि चार राज्यों में उनकी पार्टी की जीत ने अगले आम चुनावों के लिए भी फैसला स्पष्ट कर दिया है,क्योंकि उन्होंने वर्ष 2019 के आम चुनाव में भाजपा की जीत को वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली भाजपा की जीत से जोड़ा था। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने लखनऊ में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योग आदित्यनाथ ने अपने पुराने मंत्रिमंडल की अंतिम बैठक की अध्यक्षता की और राज्य के लोगों को भाजपा को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। प्रवक्ता ने कहा कि योगी ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपने मंत्रिमंडल की बैठक की, जिसमें 14 मार्च को विधानसभा को भंग करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया गया। सत्ता विरोधी लहर पर काबू पाने के बाद भाजपा 20 सीटें जीतकर तटीय राज्य में अकेली सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जो बहुमत के आंकड़े से सिर्फ एक कम है। लेकिन भाजपा ने एमजीपी के दो विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने का दावा किया है।

उत्तराखंड में चुनाव परिणाम ने भाजपा को एक तरह की दुविधा में डाल दिया है, क्योंकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गये हैं। मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि 19 मार्च से पहले नई सरकार का गठन किया जाएगा। सिंह ने इंफाल में संवाददाताओं से कहा कि नेशनल पीपुल्स पार्टी, जो मौजूदा सरकार में शामिल रही है, नयी सरकार का हिस्सा नहीं रहेगी। एनपीपी ने सात सीटें जीती हैं।

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