मुलायम सिंह यादव की टूट गई सालों पुरानी परंपरा, सैफई में पहली बार प्रधान पद के लिए हुआ चुनाव
जानकारी के मुताबिक मुलायम सिंह का गांव सैफई में आजादी के बाद से कभी भी मतदान नहीं हुए थे। लंबे समय से प्रधान के पद पर रहे दर्शन सिंह ने अपना रिकॉर्ड बनाया हुआ है वहीं यह मुलायम सिंह के काफी करीबी दोस्त भी माने जाते है।
उत्तर प्रदेश में पंचायच चुनाव के दूसरे चरण का मतदान पूरा हो चुका है। कोरोना महामारी के बीच भी लोग भारी संख्या में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बीच मतदाता केन्द्र में वोट करने पहुंचे। आपको बता दें कि मंगलवार को लखनऊ-वाराणसी समेत 20 जिलों में वोटिंग की गई। इन सबके बीच सबकी नज़र समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई पर सबसे ज्यादा बनी हुई है। आपको बता दें कि आजादी के बाद पहली बार सैफई गांव में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग हुई है। इस बार दो प्रत्याशी चनुावी मैदान में उतरे है। जानकारी के मुताबिक मुलायम परिवार हमेशा से प्रधान पद के लिए बुजुर्ग रामफल बाल्मीकि को चुनते थे लेकिन अब विनिता के नामांकन भरने के बाद से सैफई गांव में निर्वाचन की यह परंपरा टूट गई है। जिसके कारण इस गांव में पहली बार पंचायत चुनाव के लिए वोट किए गए।
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आजादी के बाद कभी नहीं हुआ था वोट!
जानकारी के मुताबिक मुलायम सिंह का गांव सैफई में आजादी के बाद से कभी भी मतदान नहीं हुए थे। लंबे समय से प्रधान के पद पर रहे दर्शन सिंह ने अपना रिकॉर्ड बनाया हुआ है वहीं यह मुलायम सिंह के काफी करीबी दोस्त भी माने जाते है। आपको बता दें कि अब चुनाव का सामना कर रहे रामफल की चुनौती बढ़ी हुई है हालांकि, रामफल भी मुलायम सिंह के काफी करीबी माने जाते हैं। गांव के मुताबिक, इस बार भी प्रधान का पद रामफल के हाथ ही लगेगा। सोमवार को हुए मतदान में सपा और बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, पिता अभय राम सिंह यादव, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव अपनी पत्नी राजलक्ष्मी के साथ मतदान केंद्र पर वोट करने पहुंते और अपनी पार्टी की जीत का दावा भी किया।
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