चुनाव आयोग ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर लगाई रोक, दोनों गुटों को 10 अक्टूबर तक का दिया समय
जानकारी के मुताबिक भारत के चुनाव आयोग ने अंतरिम आदेश पारित किया, अंधेरी पूर्व उपचुनाव में कहा गया है कि दोनों समूहों में से किसी को भी "शिवसेना" के लिए आरक्षित "धनुष और तीर" के प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच शिवसेना को लेकर चल रही लड़ाई के बीच चुनाव आयोग में पार्टी के चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया है। इसका मतलब साफ है कि चुनाव आयोग ने शिवसेना के तीर-धनुष वाले चुनाव चिन्ह पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही शिवसेना ने शिंदे गुट और उद्धव गुट को 10 अक्टूबर तक का समय दिया है। दोनों पक्षों से चुनाव चिन्ह को लेकर प्राथमिकता पूछी गई है। दोनों गुट शिवसेना के तीर धनुष वाले चुनाव चिन्ह पर अपना-अपना दावा कर रहा था। दोनों को चुनाव आयोग के समक्ष अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर चुनाव चिन्ह आवंटित करने की मांग कर रहे थे। चुनाव आयोग की ओर से उद्धव ठाकरे खेमे को एक पत्र भी लिखा गया था और उनसे इस पर राय मांगी गई थी। जबकि शिंदे खेमा लगातार दावा कर रहा है कि असली शिवसेना तो वही है।
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जानकारी के मुताबिक भारत के चुनाव आयोग ने अंतरिम आदेश पारित किया, अंधेरी पूर्व उपचुनाव में कहा गया है कि दोनों समूहों में से किसी को भी "शिवसेना" के लिए आरक्षित "धनुष और तीर" के प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दोनों समूहों को वर्तमान उप-चुनावों के प्रयोजनों के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित मुक्त प्रतीकों की सूची में से ऐसे अलग-अलग प्रतीकों का आवंटन भी किया जाएगा जो वे चुन सकते हैं। तद्नुसार, दोनों समूहों को एतद्द्वारा 10 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है। चुनाव आयोग का यह फैसला शिंदे खेमे के लिए राहत की बात है। वही उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका है।
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आपको बता दें कि जून-जुलाई में महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के बीच एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के लगभग 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे कोट से बगावत कर लिया था। इसके बाद शिवसेना के बागी विधायकों को भाजपा का साथ मिला। भाजपा की ओर से एकनाथ शिंदे को समर्थन दिया गया। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। एकनाथ शिंदे का दावा है कि हम बाला साहब ठाकरे के विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी हैं। हम उनके हिंदुत्व को आगे बढ़ा रहे हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे लगातार शिंदे पर विश्वासघात करने का आरोप लगा रहे हैं। दोनों खेमों की ओर से वार पलटवार का दौर लगातार जारी है। दशहरा रैली के दौरान दोनों के माने मुंबई में शक्ति प्रदर्शन किया था।
Shiv Sena's 'Bow & Arrow' symbol claim | Election Commission of India passes interim order, says in Andheri East bye polls neither of the two groups shall be permitted to use the symbol "Bow & Arrow", reserved for "Shivsena". pic.twitter.com/QtC9iNhZ0X
— ANI (@ANI) October 8, 2022
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