शासन और प्रशासन हैं लोकतंत्र के रथ के दो पहिये, राजपत्रित अधिकारी महासंघ की 38वीं वर्षगांठ पर बोले Eknath Shinde
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य के कामकाज में आपका काम महत्वपूर्ण है। अधिकारी नियमों का पालन करते हुए काम करते हैं। अधिकारी वर्ग को नियमों के तहत काम करने का अच्छा ज्ञान होता है। अधिकारी सरकार का अभिन्न अंग हैं। हम राज्य की गाड़ी चलाने वाले रथ के पहिये हैं।
मुंबई। शासन और प्रशासन लोकतंत्र के रथ के दो पहिये हैं। अगर ये दोनों पहिये एक समान ही गति से चलें तो विकास तेजी से होता है। इसका उदाहरण राज्य में देखा जा सकता है, यह बातें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कही हैं। राजपत्रित अधिकारी महासंघ की 38वीं वर्षगांठ के अवसर पर बांद्रा में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में कोंकण विभाग के आयुक्त महेंद्र कल्याणकर, मुंबई उपनगर के जिला अधिकारी राजेंद्र क्षीरसागर, राजेंद्र भोसले, महासंघ के मुख्य सलाहकार ग. दि. कुलथे,अध्यक्ष विनोद देसाई, कोषाध्यक्ष नितीन काले, कल्याण केंद्र समन्वयक श्री टाव्हरे, महासचिव समीर भाटकर आदि उपस्थित थे।
राज्य के कामकाज में अधिकारियों का बड़ा योगदान बताते हुए मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि राज्य के कामकाज में आपका काम महत्वपूर्ण है। अधिकारी नियमों का पालन करते हुए काम करते हैं। अधिकारी वर्ग को नियमों के तहत काम करने का अच्छा ज्ञान होता है। अधिकारी सरकार का अभिन्न अंग हैं। हम राज्य की गाड़ी चलाने वाले रथ के पहिये हैं। लेकिन साथ ही इन पहियों को सुचारू रूप से चलाने का काम अधिकारी वर्ग द्वारा किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने यह भी कहा कि सरकार और प्रशासन के अच्छे काम से राज्य में सकारात्मक माहौल बना हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा, सरकार राज्य के किसानों, मजदूरों, श्रमिकों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है। अनेक जनकल्याणकारी निर्णय ले जा रहे हैं। इन योजनाओं और निर्णयों को जन-जन तक पहुंचाने और इसका लाभ लोगों तक पहुंचाने का काम प्रशासन कर रहा है। अधिकारी सरकार की छवि बनाने के लिए काम कर रहे हैं। सरकार लोगों के जीवन में अच्छे दिन लाना चाहती है। इसी के मद्देनजर अधिकारी योजनाएं क्रियान्वित कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: कुछ चीजें अनकही ही रह जाएं तो बेहतर...महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी ने 48 साल बाद छोड़ी कांग्रेस
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है। यही वजह है कि आज विदेशी निवेशक राज्य की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। पिछले वर्ष दावोस में हस्ताक्षर किये गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) में से 80 फीसदी पूरे हो चुके हैं। इस वर्ष 353 हजार करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये हैं। महाराष्ट्र को उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल वाले राज्य के रूप में जाना जाता है। विदेशी निवेश में राज्य देश में प्रथम स्थान पर है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी राज्य की बड़ी हिस्सेदारी है। हम यह सब अधिकारियों की मदद से कर रहे हैं। अधिकारियों के काम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि जनता की भलाई के लिए काम करने वाले अधिकारी लोकप्रिय होते हैं।
अधिकारियों को जनोन्मुख काम करने की सलाह देते हुए मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलना चाहिए। अधिकारी जनता से जितना ज्यादा मिलेंगे, काम उतना अच्छा होगा और मेरे पास आने वाले लोगों की संख्या कम होगी।
इसे भी पढ़ें: पवार परिवार में 'पावर' की लड़ाई में भतीजे की जीत, Sharad Pawar को जीवन का सबसे बड़ा झटका लगने से Maharashtra के राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाये
महासंघ के कल्याण केंद्र के लिए पर्याप्त निधि कराई जाएगी उपलब्ध
राजपत्रित अधिकारी महासंघ की कई मांगें हैं। सरकार इन सभी मांगों को लेकर सकारात्मक है और इन्हें पूरा किया जाएगा। महासंघ कल्याण केंद्र के लिए निधि (फंड) उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने यह भी कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लेकर आगामी अधिवेशन में सकारात्मक निर्णय लिया जायेगा।
अन्य न्यूज़