जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कृषि कार्यो के लिए ड्रोन का इस्तेमाल शुरू किया

Drones
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पांडे के अनुसार, कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक शुरू करने का उद्देश्य कृषि गतिविधियों को अंजाम देने में कृषक समुदाय के संकट को कम करना है।

कठुआ/जम्मू| ई जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को फसलों पर कीटनाशकों के छिड़काव एवं अन्य कृषि गतिविधियों के लिए ड्रोन के उपयोग की शुरुआत की। कठुआ जिले में एक गांव एक ड्रोन पहल के तहत मक्के की फसल को ‘फॉल आर्मीवर्म’ से बचाने के मकसद से कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग शुरु किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि कठुआ के हीरानागा क्षेत्र के बालन पेन गांव में कृषि संबंधी गतिविधियों में ड्रोन के इस्तेमाल का परीक्षण किया गया।

उपायुक्त राहुल पांडेय ने प्रखंड विकास समिति के अध्यक्ष बृजेश्वर सिंह के साथ स्थानीय किसानों की मौजूदगी में परीक्षण शुरू किया।

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के माध्यम से एक विशेष टीम द्वारा किए गए पहले परीक्षण में ड्रोन के जरिये मक्का के खेतों में कीटनाशक और नैनो यूरिया का छिड़काव किया गया था। पांडे के अनुसार, कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक शुरू करने का उद्देश्य कृषि गतिविधियों को अंजाम देने में कृषक समुदाय के संकट को कम करना है।

पांडे ने कहा, ‘‘कुछ कृषि कार्यों के लिए पारंपरिक तकनीकों में सैकड़ों श्रमिकों की आवश्यकता होती है, जिन्हें एक ड्रोन द्वारा कुछ ही घंटों में पूरा किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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