क्या है फास्टैग ? आखिर वाहनों पर लगाना क्यों है जरूरी, आसान शब्दों में सबकुछ समझिए
फास्टैग को इलेक्ट्रानिक टोल कनेक्शन सिस्टम भी कहा जाता है। भारत में इसकी शुरुआत सबसे पहले साल 2014 में हुई थी।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक दिसंबर के बाद यदि कोई वाहन फास्टैग (FasTag) के बिना टोल प्लाजा की फास्टैग लेन से गुजरता है तो उसे दुगुना टोल भरना पड़ेगा। यह बात खुद केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की प्रमुख पहल राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक पथकर संग्रह (NETC) के तहत टोल भुगतान गेट से सिर्फ फास्टैग के जरिए ही भुगतान होगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक देशभर के 537 टोल प्लाजा में से महज 17 को छोड़कर सभी टोल प्लाजा फास्टैग हो जाएंगे। आपको बता दें कि 17 प्लाजा अभी नए हैं उनमें धोड़ा समय लगेगा लेकिन वह भी फास्टैग हो जाएंगे।
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आखिर क्या है फास्टैग ?
फास्टैग को इलेक्ट्रानिक टोल कनेक्शन सिस्टम भी कहा जाता है। भारत में इसकी शुरुआत सबसे पहले साल 2014 में हुई थी। यह एक तरह का रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है। जिसके जरिए सरकार वाहन चालकों को राहत देने जा रही है। दरअसल, सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने टोल प्लाजा लेन को इलेक्ट्रानिक टोल कनेक्शन से लैस किया है।
कैसे करें फास्टैग का इस्तेमाल
फास्टैग के जरिए टोल प्लाजा में टोल टैक्स का भुगतान करते समय जिन परेशानियां का चालक को सामना करना पड़ता है उससे निजात मिलेगी। फास्टैग के जरिए आप टोल प्लाजा में बिना रुके ही टोल टैक्स दे सकते हैं। इसके लिए बस आपको अपने वाहन में फास्टैग लगाना होगा और आपके फास्टैग अकाउंट से पैसे खुद-ब-खुद कट जाया करेंगे। वहीं जब आपके फास्टैग अकाउंट में जमाराशि समाप्त हो जाएगी तो आपको उसका रिचार्ज करना पड़ेगा। इसकी वैधता 5 साल की होगी। 5 साल पूरे होने के बाद आपको फिर से अपनी गाड़ी में फास्टैग लगवाना पड़ेगा या फिर उसे रिन्यू कराना पड़ेगा।
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फास्टैग को कहां लगाना पड़ेगा?
अब यह सवाल हर किसी के ज़हन में उठ रहा है कि फास्टैग को आखिर लगाएंगे कहां। तो सुनिए फास्टैग को आप अपने वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाएंगे। आपको बता दें कि काफी चालकों ने अपनी गाड़ियों में फास्टैग लगा लिया है।
फास्टैग लगाने से आपको लंबी-लंबी कतारों में अपना समय खपाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जैसे ही आप टोल प्लाजा को क्रास करेंगे खुद-ब-खुद भुगतान हो जाएगा। इससे आपका समय तो बचेगा ही साथ ही साथ पेट्रोल या फिर डीजल की भी बचत होगी। मिली जानकारी के मुताबिक फास्टैग का इस्तेमाल करने वाले लोगों को टोल भुगतान पर 2.5 प्रतिशत का कैशबैक भी मिलेगा।
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यहां मिलेगा फास्टैग
वाहन चालकों को यह फास्टैग सभी टोल प्लाजा के साथ-साथ कुछ बैंकों में मिलेगा। जिनमें एसबीआई, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। इसे आप पेमेंट साइट Paytm और Amazon.in से भी खरीद सकते हैं। साथ ही साथ यह इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियन के पेट्रोल पंप में भी उपलब्ध है।
फास्टैग लेने के लिए बस आपको एक फॉर्म फिल करना पड़ेगा। फॉर्म फिल करने के लिए आपके पास वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, चालक की फोटो और केवाईसी कागजात होना चाहिए। जिसके बाद एक फास्टैग खाता आपके नाम पर एलॉट हो जाएगा। फिर आप इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
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फास्टैग नहीं लगाया तो करना पड़ेगा दोगुना भुगतान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने साफ शब्दों में कहा कि एक दिसंबर के बाद यदि कोई वाहन फास्टैग के बिना टोल प्लाजा की फास्टैग लेन से गुजरता है तो उसे दोगुना टोल भरना पड़ेगा। आपको बता दें कि फास्टैग वाली गाड़ियां ही फास्टैग से निकल सकेंगी। लेकिन जिन वाहनों में फास्टैग नहीं लगा होगा उन्हें फास्टैग लेन से निकलने पर दोगुना भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि, टोल प्लाजा पर एक लेन ऐसी भी होगी जहां बिना-टैग वाले वाहनों से सामान्य टोल ही वसूला जाएगा।
गडकरी ने कहा कि फास्टैग को लोकप्रिय बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) एक दिसंबर तक इसे निशुल्क वितरित कर रही है। जबकि एक दिसंबर के बाद एनएचएआई फास्टैग के लिए राशि लेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में एनएचएआई की सालाना आय बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की उम्मीद है। अगले दो साल में एनएचएआई का टोल राजस्व 30 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाने का अनुमान है।
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